“हरक सिंह रावत” फिर मुसीबत में, पाखरो रेंज घोटाले मामले में कई ठिकानों पर हुई छापेमारी, राजनीति भी हुई शुरू

Spread the love

“हरक सिंह रावत” फिर मुसीबत में, पाखरो रेंज घोटाले मामले में कई ठिकानों पर हुई छापेमारी, राजनीति भी हुई शुरूउत्तराखंड के चर्चित नेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के सीनियर माने जाने वालों में से एक “हरक सिंह रावत” आज मुश्किलों में फंसते नजर आये जब उनके पाखरो रेंज भ्रष्टाचार के मामले में कई ठिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की। जिसके बाद इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू होने लगी है।

राजनीतिक गलियारों में पूर्व की सफुसाती आवाजें आज दिन भर खुलकर चर्चा का विषय बनी और इस कार्रवाई पर लगातार बातें होती रही। आपको बताएं कि विजिलेंस टीम ने छापेमारी हरक सिंह के बेटे के कॉलेज में की है जो शंकरपुर में स्थित है। इसके अलावा लालतप्पड़ स्थित पेट्रोल पंप पर भी छापा पड़ा। खबर है कि छापेमारी में विजिलेंस टीम को हरक सिंह के बेटे के कॉलेज से लाखों के दो जनरेटर बरामद हुए हैं। जानकार बताते हैं कि इस छापेमारी के बाद विजिलेंस हरक सिंह रावत और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

बीजेपी और कांग्रेस में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत कई दिनों से सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे जिसके बाद से सियासी पंडित पूर्व में ही अनुमान लगा रहे थे की इस तरह की बयानबाजी हरक सिंह रावत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। आपको बता दें दरअसल हरक सिंह रावत उत्तराखंड के विवादास्पद नेता रहें हैं, लम्बे समय से उनका विवादों से लम्बा नाता रहा है। फिर चाहे 2003 के चर्चित जैनी प्रकरण का मामला हो, जिसमे सीबीआई ने हरक सिंह रावत को क्लीन चिट दे दी थी या फिर उनका वह बयान की “वह मंत्री पद को जूते की नोक पे रहते है”। वहीँ 2013 में मेरठ की एक महिला ने हरक सिंह रावत पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। बाद में महिला के कथित आरोप वापस लेने के बाद मामला शांत हुआ था। हरक सिंह रावत का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। इसके इतर उत्तराखंड के सियासी मामलों में भी हरक का नाम यदा-कदा लिया जाता रहा है। 2016 के सियासी संकट के समय उनका नाम खूब उछला था कि वह इस घटना के सिरमौर बने हैं। हरीश रावत सरकार में उन्होंने बगावत का झंडा उठा कर बुलंद किया था बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हरीश रावत सरकार बहाल कर दी थी। हरीश रावत के स्टिंग मामले और 2022 में भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन करने का मामला काफी समय तक सुर्खियां पाया था।

इस मामले में विजिलेंस के निदेशक वि मुरुगेशन बताते हैं की हल्द्वानी विंग की तरफ से FIR की गयी थी, इसके बाद जांच की जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने विजिलेंस की छापेमारी पर सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस ने इसे दुर्भावना से घोषित होना बताया है। कांग्रेस ने कहा भाजपा सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर काम कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा  ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार के इशारे पर विजिलेंस ने हरक सिंह रावत पर और उनके बेटे के संस्थानों पर छापेमारी की है। उन्होंने कहा एक तरफ तो भाजपा से जुड़े व्यवसायी और नेताओं के भरस्टाचार को केंद्र सरकार सरंक्षण देती आ रही है दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर छापेमारी की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा की हरक सिंह रावत जब भाजपा में थे तब उन पर कोई आरोप नहीं था लेकिन बीजेपी छोड़ते ही वह केंद्र और राज्य सरकार की आँखों की किरकिरी बन गए हैं।

तो वहीं भाजपा ने कहा है की किसी भी झाँच पर सवाल खड़े करना कांग्रेस की आदत है यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान अपने एक बयान में कहते हैं कि कांग्रेस नेताओं को हर मामले की जांच पर सवाल उठाने की आदत पड़ गई है, इस जांच से भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा की पुलिस को शिकायत मिली होगी तो उसी के आधार पर जांच की जा रही है। यदि विजिलेंस या पुलिस कोई जांच कर रही है तो उसमे सहयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने देखा है की देश में या राज्य में जब भी कोई जांच होती है तो कांग्रेस उस पर सवाल खड़े करती है। जबकि कांग्रेस को बिना सोचे समझे सवाल खड़े करने की बजाये जांच में सहयोग करना चाहिए।


Spread the love