डेंगू नियंत्रण और रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ पर, डेंगू संभावित प्रदेश के पांच जिलों में चलेगा विशेष अभियान

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आमतौर पर मानसून के मौसम में बारिश होने के बाद डेंगू का संक्रमण तेजी से फैलता है।जिसकी चपेट में देश के कई राज्य आते हैं। डेंगू का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप भी ले सकता है। ऐसे में  सूबे में डेंगू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनपद स्तर पर डेंगू नियंत्रण को प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के ताजा अध्ययन के अनुसार हाल के वर्षों में देश में डेंगू बुखार के लिए जिम्मेदार वायरस का फैलाव बढ़ा है। हाल में देश के कई इलाकों में लगातार हुई बारिश ने इस मच्छर जनित बीमारी की आशंका बढ़ा दी है। ऐसे में राज्य सरकार सतर्क है और डेंगू संभावित प्रदेश के पांच जिलों में बचाव व जागरूकता का विशेष अभियान चलाया जाएगा।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग को पहले ही अलर्ट मोड़ पर रहने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। जिसके तहत सभी जनपदों में मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में 16 मई 2023 से 15 जून 2033 तक जन जागरूकता अभियान चलाये गये जिसके तहत विभिन्न माध्यमों से आम जन को डेंगू रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया। विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे में बरसाती सीजन शुरू हो गया है ऐसे में डेंगू संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लिहाजा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को डेंगू नियंत्रण को लेकर प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है, साथ ही डेंगू संभावित जनपदों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी एवं नैनीताल के मैदानी क्षेत्रों में जनजागरूकता एवं बचाव हेतु विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा रेखीय विभागों शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, जलापूर्ति विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा व सूचना विभाग के साथ मिलकर प्रदेशभर में वृहद स्तर पर डेंगू नियंत्रण को जनजागरूकता अभियान संचालित करने व इसकी निंरतर मॉनिटिरिंग करने के निर्देश भी दिये गये हैं। डा. रावत ने बताया कि शीघ्र ही रेखीय विभागों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर डेंगू रोकथाम के लिये और प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार है यदि किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखाई देते है तो प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में डेंगू की निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही डेंगू रोगियों के समुचित उपचार के लिये प्रदेशभर की चिकित्सा ईकायों में 1466 डेंगू आईसोलेशन बेड आरक्षित किये गये हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा डेंगू के गंभीर रोगियों के लिये ब्लड बैंकों में प्लेटलेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।

File Photo

डेंगू एक प्रकार का वायरल संक्रमण है, जिसके चार अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं। इस बीमारी को ब्रेक बोन फीवर भी कहा जाता है। यह मच्छरों के जरिये इंसानों में फैलता है। जब किसी डेंगू मरीज को मच्छर काटता है, तो वायरस उसकी आंतों में पहुंच जाता है और वहां उसका म्यूटेशन होने लगता है। अधिक संख्या हो जाने पर वायरस उसकी सलायवरी ग्लैंड यानी लार में आ जाता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह भी डेंगू संक्रमित हो जाता है यानी डेंगू एक मरीज से मच्छर में और फिर मच्छर से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • यह दिन में काटने वाला मच्छर है और साफ पानी में ही पनपता है।
  • मच्छरों से बचने के लिए रिपेलेंट पिकारिडीन सुरक्षित है और बच्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • दिन के समय में रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। क्वाइल और वेपराइजर को दिन के समय में चलाकर रखें, ताकि मच्छर ना आएं।
  • मच्छर से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़ें पहनें, शरीर को ढककर रखें।
  • खुले इलाकों, खासकर पेड़-पौधों और नमी वाली जगह पर शरीर को ढके रहें।
  • घर में गमलों, कूलर में, फ्रिज के नीचे पानी इकट्ठा ना होने दें।

खाने-पीने में रखें सावधानी

  • घर का बना साफ-सुथरा और ताजा भोजन ही करें।
  • पानी पर्याप्त मात्रा लें, लेकिन जबरदस्ती पानी न पीएं, इससे उल्टी हो सकती है।
  • पपीते के पत्ते और बकरी के दूध जैसे कथित उपायों के चक्कर में न पड़ें, इनकी डेंगू से बचाने में कोई भूमिका नहीं है।
  • यह वायरल संक्रमण है, कुछ दिन शरीर में रहने के बाद स्वतः ठीक हो जाता है।
  • घरेलू नुस्खों से तबीयत और खराब हो सकती है, इससे बचें।
  • डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

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