रामनगर में एचआईवी का कहर: किशोरी के संपर्क में आकर 19 लोग संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

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हल्द्वानी/ नैनीताल जिले के रामनगर इलाके में एचआईवी संक्रमण का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पिछले पांच महीनों में 19 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि ज्यादातर संक्रमित युवा एक किशोरी के संपर्क में आए थे। इस किशोरी के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों में भी एचआईवी फैलने का खतरा है। इस बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

किशोरी के संपर्क से फैला एचआईवी संक्रमण—

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रामनगर क्षेत्र में पाए गए ज्यादातर एचआईवी पॉजिटिव युवक एक 17 वर्षीय किशोरी के संपर्क में आए थे, जो नशे की लत से ग्रस्त है। इस किशोरी ने ड्रग्स के लिए पैसे की व्यवस्था करने के लिए कई युवकों से संबंध बनाए। इन युवकों को शुरू में इसका पता नहीं चल पाया, लेकिन जब उनकी सेहत बिगड़ने लगी और उन्होंने अपनी जांच कराई, तो सभी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। काउंसलिंग के दौरान इन युवकों ने बताया कि उन्होंने किशोरी के साथ संबंध बनाए थे, जिससे स्पष्ट हुआ कि किशोरी के माध्यम से ही संक्रमण फैला है।

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बढ़ते मामलों से स्वास्थ्य विभाग सतर्क—

रामनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरीश पंत के अनुसार, पिछले चार वर्षों में नैनीताल जिले में 75 एचआईवी पॉजिटिव मामले दर्ज हुए हैं। लेकिन इस साल अप्रैल से लेकर अब तक 19 नए मामले सामने आए हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी बनकर उभरे हैं। विभाग ने इन सभी संक्रमित व्यक्तियों की काउंसलिंग शुरू कर दी है और उनका इलाज भी किया जा रहा है। एचआईवी के बढ़ते मामलों के चलते विभाग ने जागरूकता अभियान भी तेज कर दिए हैं।

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रामनगर में एचआईवी के आंकड़े चिंताजनक—

रामनगर क्षेत्र में पिछले 17 महीनों में एचआईवी के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 26 मामले सामने आए थे, जबकि इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक 19 नए लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 30 पुरुष और 15 महिलाएं हैं, जिनमें अधिकांश किशोरी के संपर्क से ही संक्रमित हुए। काउंसलर मनीषा खुल्बे के अनुसार, जांच में यह भी पाया गया कि कुछ संक्रमित युवक शादीशुदा हैं, जिसके कारण उनकी पत्नियां भी एचआईवी की चपेट में आ गईं। इस स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग के लिए और भी चुनौती खड़ी कर दी है।

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स्वास्थ्य विभाग की जागरूकता और उपचार के प्रयास—

डॉ. हरीश पंत ने बताया कि एचआईवी संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न सेमिनार और जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रहा है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को आईसीटीसी (इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) से मुफ्त दवा दी जा रही है, और उनकी पहचान गोपनीय रखी जा रही है। विभाग ने लोगों को एचआईवी और एड्स के अंतर के बारे में भी जानकारी दी है ताकि समय रहते इसका उचित इलाज हो सके।

गूलरघट्टी इलाके में बढ़ता संक्रमण—

रामनगर के गूलरघट्टी इलाके में रहने वाली इस किशोरी की स्मैक की लत ने लगभग 20 युवकों को एचआईवी संक्रमित कर दिया। किशोरी की लत को पूरा करने के लिए वह इन युवकों को अपने पास बुलाती थी। लंबे समय तक किसी को इसका संदेह नहीं हुआ, लेकिन जब युवकों की सेहत में गिरावट आई और जांच कराई गई, तो वे एचआईवी पॉजिटिव निकले। काउंसलिंग में केवल इसी किशोरी का नाम सामने आया, जिससे यह संक्रमण का स्रोत मानी जा रही है।

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एचआईवी और एड्स के बीच का अंतर—

डॉ. हरीश पंत ने बताया कि एचआईवी और एड्स में अंतर होता है। एचआईवी वायरस का मतलब संक्रमण है, जो समय पर उपचार से नियंत्रण में रखा जा सकता है। यदि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का उपचार न किया जाए, तो उसका संक्रमण एड्स का रूप ले सकता है। एचआईवी के एड्स में बदलने की स्थिति तब आती है जब संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में श्वेत रक्त कोशिकाएं बहुत कम हो जाती हैं। आईसीटीसी केंद्रों पर एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को मुफ्त दवा दी जाती है ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके।

सरकार से उम्मीदें और स्वास्थ्य विभाग का संकल्प—

स्वास्थ्य विभाग का संकल्प है कि वह जल्द से जल्द अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करेगा और एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने में अपनी पूरी क्षमता लगाएगा। इस विषय पर सरकार से भी अपील की गई है कि इस क्षेत्र में एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए नशे के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जाएं।

(सोर्स – विभिन्न मीडिया संस्थान)

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