ओम जोशी-देहरादून
उत्तराखंड के पहाड़ों में महिलाओं के संघर्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता है मगर वे आज भी पहाड़ पर पहाड़ सा जीवन जीने को मजबूर हैं, जल जंगल और जमीन को सहेजे रखने की कल्पना भी इनके बिना नहीं की जा सकती।
आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका को नजरअंदाज करता आया है, जिसके चलते महिलाओं को बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा सहती है। हर दिन भिन्न-भिन्न भूमिकाएं जीती महिलायें हमेशा से समाज का स्तम्भ रही हैं। वे बड़ी कुशलता व् सौम्यता से, सहृदय बेटियां, संवेदनशील माताएं, सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभा रहीं है।
इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य मुख्य अतिथि ने कोटद्वार भाबर के मोटाढाक के मिनी स्टेडियम में महिला उत्थान एंव बाल कल्याण संस्थान की पहली वर्षगांठ पर आयोजित समारोह का शुभारंभ किया व् संस्थान की अध्यक्ष अनुकृति गुसाईं रावत की द्वारा लिखी पुस्तक का “पहल” का भी विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा की पहाड़ की महिलाओं को और अधिक सशक्त करने की जरुरत है।
उन्होंने अनुकृति गुसाईं रावत की इस पहल को बधाई और शुभकानाएं दी।
कार्यक्रम में मंत्री हरक सिंह रावत जी की विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही।
आईये देखते हैं कार्यक्रम की कुछ चुनिंदा झलकियां।