देहरादून/ राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित दीक्षांत समारोह में 5387 विद्यार्थियों को स्नातक और परास्नातक की डिग्रियां प्रदान की गईं। समारोह में 43 विद्यार्थियों को मेडल से सम्मानित किया गया, जबकि 24 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर सभी विद्यार्थियों की डिग्रियां राज्यपाल द्वारा लाइव की गईं।
विशेष सम्मान और मानद उपाधियां—
समारोह के दौरान भारतीय कंप्यूटर विज्ञान के अग्रणी और सुपर कंप्यूटर के जनक, पद्मभूषण डॉ. विजय पांडुरंग भटकर को डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की गई। साथ ही, “टॉयमैन ऑफ इंडिया” के नाम से प्रसिद्ध, पद्मश्री श्री अरविंद कुमार गुप्ता को डीएससी की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया।
राज्यपाल का प्रेरणादायक संबोधन—
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों की मेहनत और लगन की सराहना करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करना केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी का आरंभ है। उन्होंने कहा कि डिग्री धारकों के जीवन में अब नए अवसरों के द्वार खुल चुके हैं, और यह आवश्यक है कि वे अपने क्षेत्र में समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र और समाज के लिए योगदान दें।
भारत की बदलती वैश्विक भूमिका पर चर्चा—
राज्यपाल ने भारत की तेजी से बदलती वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का भारत दुनिया की प्रमुख युवा शक्ति बनकर उभर रहा है। भारतीय स्टार्टअप्स की संख्या 1.25 लाख से अधिक हो चुकी है, और छोटे शहरों से निकले युवा खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
युवाओं से उम्मीदें—
राज्यपाल ने कहा कि युवाओं के हाथों में देश का भविष्य है। उनकी ऊर्जा, कौशल और नवाचार ही नए भारत को आकार देंगे। आज पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है, और युवाओं को इन अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। उन्होंने विश्वास जताया कि युवा पीढ़ी अपने कौशल और समर्पण से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सम्मानित विद्यार्थियों की उपलब्धियां—
समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मेडल से नवाजा गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उनकी मेहनत और लगन को सराहा गया। यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए न केवल एक प्रेरणा स्रोत बना, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोला।