उत्तराखंड : दून एयरपोर्ट फेज टू टर्मिनल का सीएम धामी और सिंधिया ने किया शुभारंभ, 10 गुना बढ़ेगी यात्री क्षमता

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दून एयरपोर्ट के फेज 2 टर्मिनल का सीएम धामी ने और केंद्रीय नागर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री धामी ने एयरपोर्ट पहुंचे जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरान वर्चुअल कार्यक्रम में जुड़े। अब एयरपोर्ट की यात्री क्षमता पहले के मुकाबले करीब 10 गुना बढ़ जाएगी।

सीएम धामी ने इस दौरान कहा कि हम घरेलू विमानन बाजार में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में, एक तरफ हम विमानन सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हम आम आदमी के लिए इन सेवाओं का लाभ उठाना किफायती बना रहे हैं।

वहीं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ”यह कहना गलत नहीं होगा कि यह देवभूमि भारत के 140 करोड़ लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए है। देहरादून एयरपोर्ट का एक लंबा इतिहास है। 2004 में देहरादून केवल तीन से जुड़ा शहर था। और अब यह पूरे भारत के 13 शहरों से जुड़ गया है। कहा कि हमने पीएम मोदी के ‘विकास और विरासत’, ‘समृद्धि और संस्कृति’ के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करने की कोशिश की है।

इससे पहले मंगलवार को क्षेत्रीय सांसद और एयरपोर्ट सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने फेज टू बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। निशंक ने कहा कि एयरपोर्ट के पूरे टर्मिनल को कुल 486 करोड़ रुपये से बनाया गया है। जिसके बाद टर्मिनल की क्षमता चार लाख से बढ़कर 47 लाख पैसेंजर प्रतिवर्ष हो गई है। आज एयरपोर्ट प्रदेश का सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट बन चुका है। लेकिन शुरूआत में जब एक फ्लाइट आती थी। तब संबंधित कंपनी ने प्रदेश सरकार से अनुबंध किया था कि यदि हवाई पैसेंजर कम मिले तो फ्लाइट का साठ फीसदी खर्च सरकार उठाएगी।

कहा, स्वच्छता में दून एयरपोर्ट देश में रैंक पा चुका है। इस एयरपोर्ट पर आए दिन वीवीआईपी का तांता लगा रहता है। इस एयरपोर्ट से चार धाम के साथ ही हेमकुंड, मां गंगा आदि के दर्शन आसानी से किए जा सकते हैं। मोदी सरकार की योजना से एक हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ रहा है। इस अवसर पर एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा, भाजपा नेता पुरुषोत्तम डोभाल आदि मौजूद रहे।

निशंक ने कहा कि उत्तराखंड देश के सभी हिमालयी राज्यों में विकास में सबसे आगे है। उत्तराखंड वायु सेवा, रेल सेवा और दूसरे विकास कार्यों में मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश से आगे है। इसलिए तीर्थाटन, पर्यटन और सामरिक दृष्टि से एयरपोर्ट का विस्तार जरूरी है।


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