कांवड़ मेला 2025: श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़, पुलिस-प्रशासन ने सफलतापूर्वक किया प्रबंधन

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कांवड़ मेला 2025: श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़, पुलिस-प्रशासन ने सफलतापूर्वक किया प्रबंधन

हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में 10 जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेला 2025 मंगलवार देर रात सकुशल संपन्न हो गया। अंतिम चरण में डाक कांवड़ियों की रफ्तार तेज रही और 24 घंटे में करीब 56 लाख शिवभक्त गंगाजल भरकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। अब तक कुल 4 करोड़ 13 लाख से अधिक कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शिवालयों की ओर रवाना हो चुके हैं, और प्रशासन को उम्मीद है कि यह आंकड़ा 5 करोड़ तक पहुंच सकता है।

(SOURCE COURTESY – DIGITAL MEDIA)

सोमवार शाम छह बजे से मंगलवार शाम छह बजे तक का 24 घंटे का आंकड़ा, अब तक की सबसे अधिक भीड़ को दर्शाता है। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने जानकारी दी कि मेला अवधि के दौरान शिवभक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, विशेषकर डाक कांवड़ियों की संख्या में।

हाईवे से गलियों तक गूंजीं मोटरसाइकिलें

डाक कांवड़ के अंतिम दिन हाईवे से लेकर शहर की गलियों तक भारी भीड़ और शोरगुल देखने को मिला। विशेषकर तेज आवाज वाली बाइकों की गूंज से आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोग अधिकांश समय घरों में ही रहे और केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही बाहर निकले।

सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन रहा कड़ा

हरकी पैड़ी, बिल्केश्वर महादेव, दक्षेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों और घाटों पर ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की गई। शिवरात्रि के मौके पर बुधवार को जलाभिषेक के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी डोभाल ने बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित कर दी गई है।

उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई

मेले के दौरान कांवड़ियों की भीड़ में छिपकर उपद्रव करने वालों पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की। एसएसपी डोभाल ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार ऐसी घटनाओं में कमी आई है, और दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

ट्रैफिक प्लान और पार्किंग व्यवस्था ने निभाई अहम भूमिका

मेला क्षेत्र में बड़े वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित रही। सभी बड़े वाहनों की पार्किंग हरिद्वार शहर की सीमाओं के बाहर कराई गई थी, जिससे यातायात नियंत्रण में रहा। आम कांवड़ियों को कांवड़ पटरी से ही भेजा गया, जिससे हाईवे पर अव्यवस्था नहीं फैलने दी गई।

मेले के अंतिम तीन दिनों में शहर के अंदर और बाहर बनी सभी पार्किंग फुल हो गईं, लेकिन पुलिस की पूर्व तैयारियों के चलते बैकअप पार्किंग से व्यवस्था बनी रही।

पंचक में भी जारी रहा गंगाजल भरने का क्रम

इस बार पंचक काल में भी कांवड़ियों की भारी भीड़ देखी गई, जो गंगाजल भरकर बिना रुके अपने गंतव्य की ओर रवाना होते रहे। हरिद्वार पुलिस-प्रशासन को इस बार भीड़ को देखते हुए बार-बार अपनी रणनीति बदलनी पड़ी।

मेला सकुशल, अब सफाई पर जोर

हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कांवड़ मेले को चार चरणों में विभाजित किया गया था, जिनमें से तीन चरण पूरे हो चुके हैं। अब चौथे और अंतिम चरण में हरकी पैड़ी क्षेत्र की सफाई और कूड़ा निस्तारण का कार्य किया जा रहा है, जिसके बाद मेले को पूरी तरह संपन्न माना जाएगा।


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