सचिवालय सेवा में बड़े स्तर पर तबादले, संयुक्त सचिव से लेकर अनुभाग अधिकारियों तक जिम्मेदारियों में व्यापक बदलाव
देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में लंबे समय से प्रतीक्षित तबादला प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शासन ने संयुक्त सचिव, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी और अनुभाग अधिकारियों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण करते हुए उनके विभाग और जिम्मेदारियों में बदलाव कर दिया है। इस सूची का सबसे अधिक इंतजार अनुभाग अधिकारियों की नई पोस्टिंग को लेकर था, जबकि मुख्यमंत्री सेटअप में कार्यरत अधिकारियों की जिम्मेदारी में भी अहम फेरबदल किए गए हैं।
लंबे समय से एक ही विभाग में तैनात अधिकारियों पर गिरी गाज
तबादला सूची में उन अधिकारियों को प्राथमिकता दी गई है जो कई वर्षों से एक ही विभाग में तैनात थे। सचिवालय की नई वार्षिक स्थानांतरण नियमावली 2025 जारी होने के बाद भी इसे लागू न किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे थे। हालांकि अब देरी से सही, शासन ने पारदर्शिता अपनाते हुए उच्च अधिकारियों के भी तबादले कर दिए हैं।
समीक्षा अधिकारी संगठन के दबाव के बाद आगे बढ़ी प्रक्रिया
समीक्षा अधिकारी संगठन के पदाधिकारियों द्वारा वार्षिक स्थानांतरण नियमावली के तहत तबादले की मांग तेज की गई थी। आंदोलन की चेतावनी के बाद शासन स्तर पर हुई बातचीत में आश्वासन दिया गया था, जिसके बाद आंदोलन वापस लिया गया। इसके बाद मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पूरी सूची तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी।
कई साल बाद पारदर्शी प्रक्रिया में बड़ी संख्या में तबादले
सूत्रों के अनुसार वर्षों बाद सचिवालय सेवा में इतनी बड़ी संख्या में पारदर्शी तरीके से तबादले किए गए हैं। मुख्य सचिव स्तर से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद विभागीय अभ्यास पूरा कर तबादला सूची जारी की गई।
इन स्तरों पर हुआ बदलाव
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17 अनुभाग अधिकारियों की जिम्मेदारी बदली गई
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28 अंडर सेक्रेटरी नई तैनाती पर भेजे गए
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22 डिप्टी सेक्रेटरी के विभाग बदले गए
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10 संयुक्त सचिव का स्थानांतरण किया गया
मुख्यमंत्री सेटअप में भी फेरबदल
मुख्यमंत्री कार्यालय के सेटअप में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं—
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दिनेश यादव को औद्योगिक विकास से हटाकर माध्यमिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई
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दिनेश सिंह से सिंचाई विभाग हटाकर औद्योगिक विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई
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सुभाष चंद्र से राजस्व विभाग हटाकर वित्त विभाग का दायित्व दिया गया
शासन द्वारा जारी यह सूची सचिवालय सेवा में प्रशासनिक सुगमता और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
