हाल ही में उत्तराखंड राज्य को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा है, जिसने राज्य के आईटी सिस्टम को पूरी तरह से ठप कर दिया। इस हमले से सरकारी कामकाज और डिजिटल सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सहित 90 से अधिक सरकारी वेबसाइटें बंद हो गईं, जिससे जनता की ऑनलाइन शिकायतों और सेवाओं में बाधा आई। साइबर हमले का असर इतना व्यापक था कि राज्य का प्रमुख स्टेट डाटा सेंटर और यूके स्वान नेटवर्क भी इसके जद में आ गए।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एक मीडिया संस्थान द्ववारा भी लिखा गया था कि इस साल, आईटी विभाग की सुरक्षा ऑडिट में 72 सरकारी वेबसाइटों को असुरक्षित पाया गया। इन वेबसाइटों को साइबर हमलों के लिहाज से कमजोर बताया गया था। गौर हो कि इससे पहले भी राज्य के कोषागार निदेशालय के डाटा में सुरक्षा चूक हो चुकी है, जब साढ़े तीन लाख कर्मचारियों, पेंशनरों और आश्रितों का डाटा 22 दिनों तक गायब रहा था।
गुरुवार की सुबह अचानक हुए साइबर हमले से पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया। सचिवालय सहित सभी सरकारी विभागों में कामकाज रुक गया। विशेषज्ञों की टीम देर रात तक इस हमले से निपटने के प्रयास में जुटी रही। यूके स्वान नेटवर्क और स्टेट डाटा सेंटर के ठप होने से राज्य की 90 वेबसाइटें बंद हो गईं। इनमें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और रजिस्ट्री का काम भी शामिल था, जिससे आम जनता की सेवाओं में भारी बाधा उत्पन्न हुई।
इस हमले से राज्य की प्रमुख ई-ऑफिस प्रणाली भी बंद हो गई। सचिवालय में फाइलें लंबित रह गईं और जिन जिलों में ई-ऑफिस लागू है, वहां भी कामकाज पूरी तरह रुक गया। सचिव आईटी नितेश झा और आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने तेजी से काम करते हुए यूके स्वान को आंशिक रूप से बहाल किया, लेकिन स्टेट डाटा सेंटर से जुड़ी वेबसाइटें अभी भी बंद हैं।
और केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ मिलकर इस साइबर हमले की जांच कर रहे हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह हमला कहां से हुआ और किस प्रकार का वायरस इस्तेमाल किया गया। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने कहा कि हमले का पता लगाने और इसे रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्राथमिकता सिस्टम को जल्द से जल्द पुनः चालू करने की है।
हालांकि, इस साइबर हमले से किसी भी सरकारी डाटा को नुकसान नहीं हुआ है। विशेषज्ञों ने सर्वर और 700 वर्चुअल मशीनों की गहन स्कैनिंग की, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि राज्य के महत्वपूर्ण डाटा को कोई हानि नहीं पहुंची है। स्वान नेटवर्क को पहले ही खोल दिया गया है, उत्तराखंड में तमाम विभागों की कुल 186 एप्लीकेशन काम कर रही हैं, जिन्हें धीरे-धीरे स्कैनिंग के बाद फिर से शुरू किया जा रहा है। विशेषज्ञ अब धीरे-धीरे सभी एप्लिकेशनों को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह साइबर हमला उत्तराखंड के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना अनिवार्य है। आईटीडीए पहले से ही सभी विभागों को अपने डाटा को सुरक्षित रखने के निर्देश दे चुका था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ। राज्य के आईटी विभाग को अब साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस प्रकार के हमलों से बचा जा सके।
उत्तराखंड में हुए इस साइबर हमले ने राज्य की डिजिटल अवसंरचना की कमजोरियों को उजागर किया है। सरकारी कामकाज ठप होने से यह साफ हो गया है कि साइबर सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। विशेषज्ञों की मेहनत से उम्मीद है कि जल्द ही यह सिस्टम फिर से सुचारू रूप से चलने लगेगा, लेकिन सुरक्षा उपायों में सुधार की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।