चंपावत में 10 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स बरामद, महिला गिरफ्तार, दो आरोपी फरार — दो जिलों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

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चंपावत में 10 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स बरामद, महिला गिरफ्तार, दो आरोपी फरार — दो जिलों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

चंपावत, 13 जुलाई।
उत्तराखंड के सीमांत चंपावत जिले में पुलिस को नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। जिले में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में एमडीएमए (मिथाइलीन डाइऑक्सी मेथैम्फेटामाइन) ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 10 करोड़ 23 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके पति और एक अन्य साथी की तलाश जारी है।

दो जिलों की एसओजी का संयुक्त ऑपरेशन

आईजी के निर्देश पर चंपावत पुलिस अधीक्षक अजय गणपति और पिथौरागढ़ एसपी रेखा यादव के नेतृत्व में दोनों जिलों की एसओजी और पुलिस टीम द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई। लंबे समय से नशा तस्करों पर नजर रखी जा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक, मुंबई में एक ड्रग केस में गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ड्रग्स की आपूर्ति उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों से की जा रही है। इसी आधार पर यह अभियान चलाया गया।

महिला को 5.6 किलो ड्रग्स के साथ पकड़ा

जांच के दौरान पुलिस ने ईशा नाम की महिला को संदिग्ध गतिविधियों के चलते रोका। तलाशी लेने पर उसके पास से 5 किलो 688 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई। पूछताछ में महिला ने बताया कि यह ड्रग्स उसके पति राहुल कुमार (निवासी पंपापूर, बनबसा) और कुणाल कोहली (निवासी टनकपुर) द्वारा 23 जून 2025 को पिथौरागढ़ से लायी गई थी

ईशा ने यह भी खुलासा किया कि पुलिस की सख्ती के डर से उसके पति ने उसे शारदा नदी में ड्रग्स फेंकने को कहा था। लेकिन इससे पहले कि वह ऐसा कर पाती, चंपावत पुलिस ने उसे पकड़ लिया

मुख्य आरोपी अब भी फरार

पुलिस अब राहुल कुमार और कुणाल कोहली की तलाश में जुटी है। चंपावत एसपी अजय गणपति ने कहा कि पुलिस ड्रग्स की सप्लाई चेन के बाकी कड़ियों की भी जांच कर रही है। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप पहाड़ में किसके जरिए और कैसे लाई गई।

एमडीएमए: क्लब संस्कृति की खतरनाक लत

एमडीएमए ड्रग्स को एक्स्टसी, म्याऊ-म्याऊ, वाइट पाउडर, एमडी और एम केट के नाम से जाना जाता है। यह सिंथेटिक ड्रग है जो मेट्रो शहरों की रेव पार्टियों और क्लब कल्चर में तेजी से फैल रही है
इस ड्रग का प्रभाव मानसिक उत्तेजना और मतिभ्रम पैदा करता है। यह भारत में तेजी से युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रहा है, खासकर बड़े शहरों और पश्चिमी देशों के ट्रेंड को अपनाने वाले इलाकों में।

नशे के खिलाफ चंपावत पुलिस की बड़ी कार्रवाई

चंपावत जिले में नशा तस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार सक्रिय है

  • 2024 में अब तक 1.28 किलो स्मैक और 60.5 किलो चरस समेत चार करोड़ रुपये से अधिक की नशीली सामग्री बरामद की गई थी।

  • 2025 में अभी तक 11 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है और कई तस्करों को जेल भेजा गया है।

उत्तराखंड जैसे शांत पहाड़ी प्रदेश में ड्रग्स के घातक जाल का फैलना चिंता का विषय है। लेकिन चंपावत और पिथौरागढ़ पुलिस की साहसिक और समन्वित कार्रवाई यह दिखाती है कि प्रशासन नशे के खिलाफ पूरी तरह सजग है।
अब देखना यह होगा कि फरार आरोपी कब गिरफ्त में आते हैं, और इस पूरे नेटवर्क की जड़ें कितनी दूर तक फैली हैं।

(रिपोर्ट: The Mountain Stories)


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