उत्तराखंड में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है। लगातार हो रही वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कृषि भूमि, सड़क, पुल समेत सार्वजनिक संपत्ति को बेहद नुकसान हुआ है। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा का बढ़ा जलस्तर यूपी के लिए खतरा न बन जाए इसलिए गंग नगर को बंद कर दिया गया है। सभी बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं। चमोली जिले में बादल फटने की सूचना के साथ नंदाकिनी, अलकनंदा और पिंडर नदियों का जलस्तर बहुत बढ़ गया है। इन नदियों के किनारे रहने वाले लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। मौसम की स्थिति को देखते हुए चारधाम यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।

विभिन्न मीडिया सोर्स से मिल रही जानकारी के अनुसार मानसून सीजन इस बार भारी गुजर रहा है। 15 जून से अब तक की स्थिति देखें तो इस अवधि में आपदा में 60 व्यक्तियों की जान गई है, जबकि 37 घायल हुए हैं और 17 लापता हैं। इसके अलावा 1329 घरों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 35 पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं। 7694 पशु भी काल-कवलित हुए हैं। इसके अलावा कृषि भूमि, सड़कों, पुलों, बागानों आदि को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अभी तक राज्य में आपदा से 637 करोड़ रुपये की क्षति आंकलित की गई है। यह आंकड़ा शुक्रवार तक का बताया जा रहा है और अभी आगे मौसम के भारी पड़ रहे मिज़ाज को देखते हुए निश्चित है की ये आंकड़ा अभी और बढ़ेगा।

बारिश के चलते उपजी इस आपदा की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों व वहां किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। सीएम धामी ने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए चारधाम यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि अन्य जगहों पर भी मौसम के अनुरूप ही यात्रा करें।

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