17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित किया। इस मौके पर उत्तराखंड के पैरा शूटिंग कोच सुभाष राणा को प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया।
देवभूमि के लिए गर्व का क्षण—
सुभाष राणा को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर पूरे उत्तराखंड में गर्व और खुशी की लहर है।
देवभूमि उत्तराखण्ड निवासी एवं प्रसिद्ध पैरा शूटिंग कोच श्री सुभाष राणा जी को खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाना हम सभी के लिए गौरवपूर्ण क्षण है।
आपको इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं… pic.twitter.com/ikIb8z2bEe
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 17, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर राणा को बधाई देते हुए कहा, “यह देवभूमि के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। सुभाष राणा ने खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अनुकरणीय है।”
सुभाष राणा का योगदान—
उत्तराखंड के नैनबाग क्षेत्र के चिलामू गांव निवासी सुभाष राणा भारतीय पैरा शूटिंग टीम के प्रमुख कोच रहे हैं। उनके निर्देशन में टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय शूटिंग टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच पदक जीते। इससे पहले, उन्होंने चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक भी अपने नाम किए।
राणा बंधुओं की शूटिंग अकादमी—

सुभाष राणा के बड़े भाई जसपाल राणा भी एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं। दोनों भाई उत्तराखंड के देहरादून जिले के पौधा में एक शूटिंग अकादमी चलाते हैं, जहां देश-दुनिया के कई खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते हैं। इस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर मनु भाकर जैसी शूटर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है।
मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की शुभकामनाएं—
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने सुभाष राणा को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं। यह सम्मान न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

राष्ट्रपति द्वारा सुभाष राणा को दिए गए इस सम्मान ने एक बार फिर उत्तराखंड की प्रतिभा और खेल संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है