उत्तराखंड के औली में 29 जनवरी से 2 फरवरी तक प्रस्तावित नेशनल विंटर गेम्स के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। बर्फीले खेलों की यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा उत्तराखंड को सौंपी गई है। शीतकालीन खेलों का यह आयोजन राज्य के लिए न केवल गौरव का विषय है, बल्कि शीतकालीन पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा।
आयोजन पर नजर—
नेशनल विंटर गेम्स में अल्पाइन, जाइंट सलालम, स्नो बोर्डिंग, नॉर्डिक और स्की माउंटेनियरिंग जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। आयोजन स्थल औली का FIS (इंटरनेशनल स्की एंड स्नोबोर्ड फेडरेशन) द्वारा प्रमाणित स्लोप इसे विशेष बनाता है। भारत में ऐसा स्लोप केवल औली में ही उपलब्ध है, जिससे यह प्रतियोगिता का केंद्र बिंदु बनता है।
तैयारियां तेज—
आयोजन को भव्य और सफल बनाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN), चमोली जिला प्रशासन और विंटर गेम्स एसोसिएशन मिलकर काम कर रहे हैं। औली में स्कीइंग स्लोप, चेयर लिफ्ट, स्की लिफ्ट और अन्य उपकरणों की स्थिति का निरीक्षण जल्द किया जाएगा। खिलाड़ियों के ठहरने के लिए होटल और गेस्टहाउस की उपलब्धता का आकलन भी जारी है।
मौसम पर निर्भर आयोजन—
नेशनल विंटर गेम्स का आयोजन पूरी तरह मौसम पर निर्भर है। हालांकि, मौसम विभाग ने जनवरी के अंत में अच्छी बर्फबारी की संभावना जताई है। पिछले साल बर्फबारी की कमी के कारण औली में शीतकालीन खेल नहीं हो सके थे।
स्थानीय पर्यटन और खेलों को बढ़ावा—
औली में नेशनल विंटर गेम्स के आयोजन से स्थानीय खिलाड़ियों को अपने हुनर दिखाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, यह आयोजन शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। सर्दियों में देश-विदेश से पर्यटक औली आते हैं, और इस आयोजन से औली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
उल्लेखनीय सहभागिता—
विंटर गेम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हर्ष मणि व्यास और भारतीय ओलंपिक संघ की एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष शिवा केशवन ने इस आयोजन को उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। संगठन के अनुसार, इस प्रतियोगिता में स्थानीय खिलाड़ियों को मेडल जीतने का बड़ा अवसर मिलेगा।
अभूतपूर्व आयोजन की उम्मीद—
यदि मौसम साथ देता है, तो इस बार औली में अभूतपूर्व नेशनल विंटर गेम्स का आयोजन होगा। खिलाड़ियों और पर्यटकों के लिए यह आयोजन न केवल खेल बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का भी अवसर होगा।