देहरादून, 13 जून/ बारिश, बर्फबारी और पहाड़ी गर्मी—प्रकृति की तमाम परीक्षाओं के बावजूद इस वर्ष उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पूरे चरम पर है। राज्य पर्यटन विभाग द्वारा साझा किए गए ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल से 12 जून तक 27,62,964 यात्री चारधाम व हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं। सिर्फ 12 जून के ही दिन 74,491 श्रद्धालुओं ने पवित्र धामों की यात्रा की।
तीर्थस्थलों पर अब तक का आँकड़ा
धाम / तीर्थ | कपाट खुलने की तिथि | 12 जून के दर्शनार्थी | कुल दर्शनार्थी (30 अप्रैल–12 जून*) |
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यमुनोत्री | 30 अप्रैल | 11,526 | 4,49,495 |
गंगोत्री | 30 अप्रैल | 12,351 | 4,52,409 |
केदारनाथ | 2 मई | 25,551 | 9,94,031 |
बदरीनाथ | 30 अप्रैल | 19,237 | 7,71,396 |
हेमकुंड साहिब† | 25 मई | 6,826 | 95,660 |
हेमकुंड साहिब को छोड़कर चारों धाम के आँकड़े 30 अप्रैल से गिने गए हैं।
सिख श्रद्धालुओं के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब को चारधाम के साथ ही समग्र यात्रा आँकड़ों में शामिल किया गया है।
केदारनाथ बना सबसे बड़ा आकर्षण
केदारनाथ धाम ने इस बार भी लोकप्रियता के सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दो मई को कपाट खुलने से लेकर 12 जून तक यहाँ 9.94 लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। रोज़ाना औसत पहुँची संख्या करीब 21 हज़ार रही, जबकि 12 जून को यह आँकड़ा 25,551 था।
यात्रा की रफ़्तार पर मौसम का असर नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि केदारघाटी और बद्रीनाथ क्षेत्र में समय–समय पर हो रही हल्की बर्फबारी व बारिश के बावजूद सेवा–सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन, अग्रिम पंजीकरण व्यवस्था और सड़क–इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार ने यात्रियों का उत्साह बनाए रखा है। ‘ई–पास सिस्टम’ के चलते भीड़ का दबाव घटा है, वहीं ऑनलाइन स्वास्थ्य सलाह और रियल‑टाइम मौसम अपडेट से श्रद्धालुओं को मार्ग-दुश्वारियों का पूर्वाभास हो रहा है।
प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी चार धाम मार्गों पर अतिरिक्त स्वास्थ्य शिविर, जलपान केंद्र और ट्रैफ़िक कंट्रोल रूम सक्रिय किए हैं। हेलिपैडों पर सुरक्षा दल तैनात हैं तथा यात्रियों को 400 मीटर से अधिक ऊँचाई पर 24 घंटे में कम से कम दो लीटर पानी पीने की सलाह जारी की गई है।
आगे की तैयारी
पर्वतीय क्षेत्रों में जुलाई‑अगस्त के दौरान मॉनसून का असर तीव्र रहता है। प्रशासन ने मानसून‑सीज़न के लिए वैकल्पिक मार्गों की सूची तैयार कर ली है और pilgrimage रूट मैप को सोशल मीडिया व सरकारी वेबसाइटों पर साझा किया जा रहा है। अधिकारियों का अनुमान है कि रक्षाबंधन तक यात्री संख्या 35 लाख के पार पहुँच सकती है।
यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
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प्रि‑बुकिंग अनिवार्य- बिना पंजीकरण कैम्फों में प्रवेश संभव नहीं।
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मौसम अलर्ट- यात्रा से 24 घंटे पहले IMD अपडेट अवश्य देखें।
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स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र- 55 वर्ष से अधिक आयु व को‑मॉर्बिडिटी वाले श्रद्धालु अनिवार्य रूप से मेडिकल फ़िटनेस प्रमाण साथ रखें।
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प्लास्टिक मुक्त यात्रा- पर्वतीय क्षेत्रों में सिंगल‑यूज़ प्लास्टिक प्रतिबंधित है।
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आपदा हेल्पलाइन: 1905 (चौबीसों घंटे सक्रिय)।