नई दिल्ली/देहरादून/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की विभिन्न जरूरतों और विकास योजनाओं को लेकर कई सुझाव और प्रस्ताव प्रधानमंत्री के समक्ष रखे।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में तेज़ी से हो रहे शहरीकरण के चलते शहरों में ड्रेनेज व्यवस्था एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली के विकास के लिए विशेष योजना बनाए जाने की मांग की, ताकि पर्वतीय और शहरी क्षेत्रों की जल निकासी की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइंस में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक विषमताओं के कारण वर्तमान में राज्य के केवल 10 प्रतिशत पर्वतीय क्षेत्र में ही सिंचाई संभव हो पा रही है। ऐसे में नदी जोड़ो परियोजना, चेक डैम और लघु जलाशयों जैसे उपायों से वर्षा जल संरक्षण की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
धामी ने बैठक में बताया कि वर्ष 2026 में उत्तराखंड में माँ नन्दा राजजात यात्रा और 2027 में हरिद्वार कुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित हैं। उन्होंने इन आयोजनों को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहयोग की अपेक्षा जताई।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड के लिए डेमोग्राफिक डिविडेंड के दोहन का सुनहरा अवसर है। उन्होंने बताया कि राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने इस दिशा में हाई वैल्यू एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने की पहल का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान मात्र 9.3 प्रतिशत है, जबकि इस क्षेत्र में 45 प्रतिशत जनसंख्या कार्यरत है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन और सगंध खेती जैसी परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों को प्रधानमंत्री के नेट जीरो विजन के तहत ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इसमें ई-वेस्ट से 4000 पदक बनाए गए और संपूर्ण आयोजन को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित किया गया, जिससे करीब 4 से 5 हजार टन कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सका।
धामी ने प्रधानमंत्री के हर्षिल और मुखबा क्षेत्र की यात्रा का भी विशेष उल्लेख किया और बताया कि इससे उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को बड़ी मजबूती मिली है, विशेषकर शीतकालीन यात्रा के सफल आयोजन ने राज्य को एक नई दिशा दी है।