किस दिन मनाई जाएगी दीपावली ? जानें सही तारीख और लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, दिवाली पर एक साथ दिखेंगे 5 राजयोग

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रौशनी और प्रकाश के पर्व दीपावली को लेकर पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल देखा जा रहा है। इस साल दिवाली पर एक साथ 5 राजयोग देखने को मिलेगा। लेकिन इस साल दीपावली की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है। दीपावली 12 नवंबर को है या 13 नवंबर को? लक्ष्मी पूजा किस दिन की जाएगी? दीपावली पूजा का मुहूर्त क्या है? आइये जानते हैं क्या कह रहे हैं पंचांग के जानकार?दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है, पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 02:44 बजे से लेकर 13 नवंबर को दोपहर 02:56 बजे तक है। उदयातिथि के आधार पर 13 नवंबर को कार्तिक अमावस्या है। पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को सुबह तक रूप चौदस रहेगी फिर दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या की रात को होती है। इस वजह से दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा 12 नवंबर को रात को होगी। अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक ही रहेगी। 

दीपावली 2023 लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त—

लक्ष्मी पूजा (प्रदोष काल समय) – शाम 05.39 – रात 07.35 (12 नवंबर 2023)

वृषभ काल – शाम 05:39 – रात 07:35

लक्ष्मी पूजा (निशिता काल समय) – 12 नवंबर 2023, रात 11:39- 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32

सिंह लग्न – प्रात: 12:10 – प्रात: 02:27 (13 नवंबर 2023)

वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दीपावली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी उसी दौरान 5 राजयोग का निर्माण भी होगा। इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा। इस तरह से दीपावली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यो का मानना है कि दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दीपावली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगल कामना साबित होगी।

इस साल दीपावली पर एक साथ 5 राजयोग देखने को मिलेगा। ये 5 राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह योग मान-सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है। वहीं हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है। जबकि बाकी काहल ,उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है। वहीं कई सालों बाद दीपावली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। इसके अलावा दीपावली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण भी होगा।

धनतेरस – 10 नवंबर 2023
नरक चतुर्दशी – 12 नवंबर 2023
दीपावली – 12 नवंबर 2023
गोवर्धन पूजा – 14 नवंबर 2023
भाई दूज – 15 नवंबर 2023

Disclaimer: 
यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि themountainstories.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें। 


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