उत्तराखंड में अवैध खनन पर सियासी संग्राम, भाजपा नेताओं में मतभेद उभरने के संकेत

Our News, Your Views

देहरादून/ हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा में उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा उठाने के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सरकार के पक्ष में मजबूती से खड़े होकर त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से किनारा कर लिया है। वहीं, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी सरकार की खनन नीति और राजस्व बढ़ोतरी को उपलब्धि करार दिया है।

महेंद्र भट्ट का सरकार पर भरोसा, पारदर्शी नीतियों का दावा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अवैध खनन पर सख्त कदम उठाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य का खनन राजस्व 300 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पारदर्शी खनन नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा, “यदि अवैध खनन बढ़ रहा होता, तो राजस्व में इतनी बड़ी वृद्धि संभव नहीं होती।”

नरेश बंसल ने दी सरकार की नीतियों को सराहना

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने भी खनन राजस्व में बढ़ोतरी को राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में खनन राजस्व दोगुना से भी अधिक हुआ है, जिससे यह साबित होता है कि सरकार की नीतियां सख्त और पारदर्शी हैं। हालांकि, जब उनसे त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, “मैं किसी व्यक्ति विशेष के बयान पर टिप्पणी नहीं करूंगा। हो सकता है कि उनके पास कुछ विशेष जानकारी हो, लेकिन मेरी समझ में अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगी है।”

अजय टम्टा का समर्थन, बाढ़ नियंत्रण के लिए चुगान जरूरी

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी सरकार की नीतियों का समर्थन करते हुए कहा कि नदियों में चुगान (खनन) निर्धारित नीतियों के तहत किया जाता है, जिससे बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलती है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अवैध खनन पर सख्त रुख की सराहना करते हुए कहा कि बढ़ा हुआ खनन राजस्व राज्य के विकास में सहायक होगा।

विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन

राज्य सरकार के दावे और भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के आरोपों के बीच उत्तराखंड की सियासत में नई हलचल मची हुई है। जहां सरकार अपनी पारदर्शी नीतियों और राजस्व वृद्धि को उपलब्धि बता रही है, वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने कुछ सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। इस बीच, सरकार का स्पष्ट रुख यह दर्शाता है कि वह विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर आगे बढ़ने की मंशा रखती है।


Our News, Your Views