देहरादून को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने की तैयारी, रिस्पना और बिंदाल नदी पर बनेंगी दो एलिवेटेड रोड, 2,614 मकान होंगे प्रभावित

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देहरादून/ राजधानी देहरादून की ट्रैफिक समस्या को स्थायी समाधान देने के लिए 61 हजार करोड़ रुपये की लागत से दो मेगा एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने जा रहा है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा प्रस्तावित यह परियोजना रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर फोरलेन एलिवेटेड सड़कों के निर्माण को लेकर है। इन दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य 2050 तक के लिए ट्रैफिक लोड को संभालने की तैयारी करना है।

 

आज से मकानों पर लगेंगे निशान, 2,614 मकान आएंगे जद में

एलिवेटेड रोड परियोजना की ज़द में आने वाले घरों का चिन्हांकन (मार्किंग) और भूमि सत्यापन का कार्य मंगलवार से शुरू होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह प्रक्रिया नहीं शुरू हो सकी। अब बुधवार से दो टीमें मैदान में उतरेंगी, जो रिस्पना पुल और कारगी चौक से सत्यापन कार्य शुरू करेंगी।

PWD के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट में कुल 2,614 मकान प्रभावित होंगे, जिनमें:

  • रिस्पना नदी क्षेत्र में 11 मोहल्लों के 1,120 मकान (399 कच्चे, 771 पक्के)

  • बिंदाल नदी क्षेत्र में 16 मोहल्लों के 1,494 मकान (560 कच्चे, 334 पक्के) शामिल हैं।

रिस्पना और बिंदाल पर बनेंगी दो फोरलेन एलिवेटेड सड़कें

परियोजना के तहत दो एलिवेटेड सड़कें निम्नानुसार बनाई जाएंगी:

  • रिस्पना नदी पर:
    विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर आईटी पार्क नागल ब्रिज तक कुल 11 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड।

    • जंक्शन: चूना भट्टा सहस्त्रधारा क्रॉसिंग और धोरनपुर आईटी पार्क।

  • बिंदाल नदी पर:
    कारगी चौक से शुरू होकर ओल्ड मसूरी रोड साईं मंदिर तक 15 किलोमीटर लंबी सड़क।

    • जंक्शन: लाल पुल, चकराता रोड और विजय कॉलोनी न्यू कैंट।

परियोजना की डीपीआर तैयार, भूमि अधिग्रहण शुरू

जितेंद्र कुमार त्रिपाठी के अनुसार, दोनों एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इससे पहले सोशल इंपैक्ट असेसमेंट कराया गया है। प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर जमीन और संपत्ति के सत्यापन के लिए PWD की दो टीमों को मैदान में भेजा जा रहा है।

साथ ही, सरकारी विभागों को नोटिस जारी कर मार्ग में आने वाले बिजली के खंभों, पानी की लाइनों और अन्य संपत्तियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

ट्रैफिक डायवर्जन से मिलेगी बड़ी राहत, 60 किमी/घंटे की औसत गति

अधिशासी अभियंता ने बताया कि ये दोनों एलिवेटेड सड़कें सिंगल पिलर टेक्नोलॉजी पर बनाई जाएंगी, जिससे कम भूमि अधिग्रहण होगा और निर्माण लागत समय भी कम होगा। इन सड़कों पर गाड़ियां औसतन 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

  • रिस्पना रोड पर: 9,500 पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) ट्रैफिक डायवर्ट होगा।

  • बिंदाल रोड पर: 11,000 पीसीयू ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा।

इन आंकड़ों के आधार पर 2051 तक ट्रैफिक की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

किन मोहल्लों पर पड़ेगा असर?

बिंदाल नदी क्षेत्र के 16 मोहल्ले:

करगी ग्रांट, ब्राह्मणवाला, देहराखास, निरंजनपुर, कांवली, चुक्खूवाला, डोभालवाला, हाथीबड़कला, विजयपुर, जाखन, विजयपुर जोहड़ी, मालसी, किशनपुर और ढाकपट्टी।

रिस्पना नदी क्षेत्र के 11 मोहल्ले:

अजबपुर, राजीव नगर, धरमपुर, डालनवाला, कंडोली, कैनाल रोड, जाखन, देहरा खास, नागल और धाकपट्टी।

देहरादून के लिए यह परियोजना एक बड़े शहरी बदलाव की शुरुआत है। जहां एक ओर भविष्य की ट्रैफिक समस्या का समाधान सामने दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों परिवारों को भूमि अधिग्रहण और विस्थापन की चुनौती का सामना भी करना होगा। ऐसे में प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है — पारदर्शिता, न्यायोचित मुआवजा और पुनर्वास की स्पष्ट नीति ही इस मेगा प्रोजेक्ट को सफल बना सकती है।


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