प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 सितम्बर को राज्य में तैयार 8 stp का लोकार्पण करेंगे – नमामि गंगे 

Our News, Your Views

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, मां गंगा की सेवा करना मेरे भाग्य में है।
गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है।
2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था- “अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है”
इस सोच को कार्यान्वित करने के लिए सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया था।  
इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 29 सितम्बर को नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राज्य में तैयार किये गये 08 सीवरेज शोधन संयत्र (एस.टी.पी) का लोकार्पण करेंगे। जिसमे हरिद्वार में 04, ऋषीकेश में 02 एवं मुनी की रेती तथा बद्रीनाथ में एक-एक एसटीपी का लोकार्पण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बताते हैं कि- उत्तराखण्ड में जो नये एसटीपी बने हैं, वे सभी अत्याधुनिक बने हैं। इनमें सॉलिड वेस्ट का इस्तेमाल कम्पोस्ट के रूप में किया जायेगा। जगजीतपुर में बने एसटीपी में जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, उसकी तारीफ स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवां गुस्ताफ ने भी अपने उत्तराखंड भ्रमण के दौरान की थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया जायेगा उनमें जगजीतपुर, हरिद्वार में 230.32 करोड़ रूपये की लागत के 68 एमएलडी एवं 19.64 करोड़ रूपये की लागत के 27 एमएलडी एसटीपी, सराय हरिद्वार में बने 12.99 करोड़ की लागत के 18 एमएलडी एसटीपी, मुनी की रेती टिहरी में 39.32 करोड़ रूपये की लागत के 05 एमएलडी के एसटीपी, चन्द्रेश्वर नगर, ऋषीकेश में 41.12 करोड़ की लागत से बने 7.50 एमएलडी एसटीपी, लक्कड़घाट ऋषीकेश में 158 करोड़ रूपये की लागत से बने 26 एमएलडी एसटीपी एवं बदरीनाथ में 18.23 करोड़ रूपये से बने एक एमएलडी का एसटीपी शामिल हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगा जिसे वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना की शुरुआत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने तथा  गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से की गई है। इस  योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

Our News, Your Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *