बरसात एक बार फिर कहर बनकर बरस रही है, खासकर उत्तराखंड के लिहाज से तो ये आफत बनकर टूटी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बीते दो दिनों से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश के कारण जहां आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। खराब मौसम के कारण बार बार चारधाम यात्रा में विघ्न पड़ रहा है, मार्ग खुलते हैं लेकिन फिर कहीं लैंडस्लाइड होता है और यात्रा स्थगित करनी पड़ती है। इधर वरुणावत पर्वत ने एक बार फिर करवट ली है और 2003 सा माहौल दिखने लगा है, पहाड़ी से बड़े बड़े बोल्डर फिर खिसक रहे हैं और नीचे आने लगे हैं।
समूचा उत्तराखंड इन दिनों पानी पानी हुआ पडा है, जहां सड़कों में ज्यादा पानी और नदी-नाले उफान पर हैं। पहाड़ी इलाकों में दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण चमोली में हालात बिगड़ रहे हैं। भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, जिससे पिंडर घाटी का जनजीवन प्रभावित हुआ है। बारिश के कारण पिंडर नदी रौद्र रूप में बह रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के चलते राज्य में नदी-नाले उफान पर हैं।
ऋषिकेश में गंगा नदी भी उफान पर आने लगी है। शुक्रवार को गंगा आरती घाट तक पानी पहुंच गया था। इसे देखते हुए प्रशासन की टीम तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर रही है। गंगा घाटों और तटों पर जल पुलिस के कर्मचारी तैनात किए गए। तटीय इलाकों में रहने वालों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए मुनादी की गई।
कुमाऊं मंडल में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान चंपावत और नैनीताल जिले में देखने को मिला है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्बेट नेशनल पार्क में सफारी रद्द कर दी गई है और गिरिजा देवी मंदिर को बंद कर दिया गया है। शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से गरम पानी खैरना क्षेत्र के बाशिंदे दहशत में हैं। चंपावत में भारी बारिश के कारण भिंगराडा में एड़ी बालकृष्ण मंदिर की दो मंजिला धर्मशाला ढह गई। राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।
लगातार हो रही बारिश से हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 292.55 मीटर तक पहुंच गया है। वहीं, कुमाऊं की शारदा नदी भी 220.10 मीटर पर बह रही है। जबकि, शारदा के खतरे का निशान 221.70 मीटर है। हल्द्वानी में बहने वाली गौला नदी भी उफान पर है तो वहीं देहरादून की तमाम नदियां भी लबालब पानी से भरी हुई है।
बरसात के चलते प्रदेश भर में 357 सड़कें बाधित हैं। गढ़वाल क्षेत्र में करीब 93 सड़कें बंद हैं. जिसमें टिहरी में 17, रुद्रप्रयाग में 15, पौड़ी में 13, देहरादून में 8, उत्तरकाशी में 6 मार्ग बंद चल रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक, बारिश ने अभी तक करीब 50 से ज्यादा पुलों को नुकसान भी पहुंचा है। जबकि, 15 पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, 35 पुल में पानी ने थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचाया है।
बारिश में वरुणावत पर्वत से भूस्खलन का खतरा बरकरार है। बीते 27 अगस्त देर रात को वरुणावत पर्वत से भूस्खलन हुआ था। बारिश में वरुणावत पर्वत से भूस्खलन का खतरा बरकरार है। इसके बाद यहां रुक-रुककर दो से तीन बार बोल्डर व मलबा गिर चुका है। तीन सितंबर को बारिश में ही रात के समय पर्वत से भूस्खलन की तेज आवाज ने लोगों को डराया था। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने करीब 32 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए नोटिस जारी किए थे।
वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत हरिद्वार, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसे लेकर राज्य सरकार भी लगातार हरकत में है। सीएम धामी ने मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को अगले 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी इसकी मॉनिटरिंग करते नजर आते हैं उन्होंने आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर सभी जनपदों के हालात की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र में औचक पहुंचकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों से बारिश की स्थिति, सड़कों, पेयजल, विद्युत आपूर्ति एवं अन्य जानकारियां प्राप्त की।