रेनॉल्ड्स 045 फाइन कार्बर बॉल पेन अब मार्केट से बंद होने वाला है!, जानिए रेनॉल्ड्स कंपनी ने क्या बताया ?

Our News, Your Views

आईये आप से एक पहेली पूछते हैं भुजो तो जाने! बचपन में स्कूल के बस्ते में एक चीज से हमें बेहद प्यार था, जिसे हम अपने लेखन में इस्तेमाल करते थे, एक ऐसा बॉल पेन जिसकी नीली, काली और लाल टोपी होती थी और उसमे नाम के साथ नंबर लिखा होता था …..045 कुछ याद आया। जी हाँ बिलकुल सही रेनॉल्ड्स 045 वो पेन जो हमारे दिल के बहुत करीब था। अगर आप 90s किड हैं तो आपने शायद एक पेन का इस्तेमाल जरूर किया होगा। हाल ही में एक खबर तेजी से उड़ी कि रेनॉल्ड्स 045 फाइन कार्बर बॉल पेन अब मार्केट से बंद होने वाला है। जिसके बाद रेनॉल्ड्स ने फिलहाल अपनी बात रखते हुए बता दिया है, कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

इन बे सिर पैर की ख़बरों को पढ़ते ही मन मायूस हुआ ….. भले ही आज की पीढ़ी के लिए 045 बॉल पेन जाना-पहचाना नाम न हो, लेकिन रेनॉल्ड्स का बयान आने से पहले हमारी पी​ढ़ी वे जिनका बचपन 80-90 के दशक में बीता है के लोगों को वह बचपन याद आ गया। उस स्याही, दवात वाली कलम के दौर में रेनॉल्ड्स 045 बॉल पेन का आना जैसे एक सुखद एहसास था। सस्ता किफायती और लिखने को आसान कर देने वाला रेनॉल्ड्स पेन उन दिनों हर दिल अजीज हो चला था। क्लास हो या फिर ट्यूशन या फिर किसी को गिफ्ट देना हो तो सफेद रंग पर नीली कैप वाला महज 5 रुपए का ये पेन बेहद खास होता था।

अगर आप 90s किड हैं तो आपने शायद इस पेन का इस्तेमाल जरूर किया होगा

आपको बताते हैं कि अमेरिकी रेनॉल्ड्स इंटरनेशनल कंपनी के बनाये इस पेन पर 045 इसलिए लिखा होता था क्योंकि अमेरिकी कंपनी ने इसे 1945 में शुरू किया था। फिर यह पेन भारत के एजुकेशन सिस्टम में ऐसा रचा-बसा की यहीं का होकर रह गया। रेनॉल्ड्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया है कि ये सारे दावे झूठे हैं खरीदारों ने उनपर जो भरोसा दिखाया है, वो उसपर बने रहेंगे। भविष्य में भारत में वो और विस्तार करने वाले हैं।

रेनॉल्ड्स ने फिलहाल अपनी बात रखते हुए बता दिया है, कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

आज दुकानों पर ये नीली टोपी वाले ये पेन दिखने बंद के बराबर हो गए हैं। इस पेन की बाजार में आमाद पिछले काफी समय से कम है। चेलपार्क की स्याही की तरह ही अब रेनॉल्ड्स 045 बॉल पेन का इस्तेमाल सीमित होता जा रहा है। भले ही इस दौर के टेबलेट, मोबाइल फोन वाले बच्चे रेनॉल्ड्स को न जाने, और ये डॉक्स, वर्ड, पीडीएफ का बेहतर इस्तेमाल करना जानते हों मगर हमारे जैसे 80 के दशक के बच्चों में इसका क्रेज आज भी बना हुआ है और हमारी उम्र के लोगों के लिए रेनॉल्ड्स हमेशा बचपन का दोस्त ही रहेगा।


Our News, Your Views