पहाड़ी क्षेत्रों में सावन मास की शुरुआत, मंदिरों में भक्‍तों की भीड़

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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आज सावन का पहला सोमवार है। विशेष पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइनें मंदिरों में लगी है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सावन की संक्रांति से पर्वतीय क्षेत्रों में सावन शुरू होता है। इसके पीछे की वजह पहाड़ी लोग सूर्य को मानते हैं। जबकि, मैदान में चंद्रमा से सावन को शुरू मानते हैं। हिंदू धर्म में ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य मास और चंद्र मास होता है।

आज 17 जुलाई से हरेला पर्व के साथ उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सावन मास की शुरुआत भी हो गई है। आज मैदानी क्षेत्रों में सावन का दूसरा तो पहाड़ी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार है। उत्तराखंड के मंदिरों में तड़के से भक्तों की भीड़ लगी हुई है। वहीं हरिद्वार में सोमवती अमावस्या का स्नान जारी है। दरअसल, लोक परंपराओं के अनुसार, पहले के समय में पहाड़ के लोग खेती पर ही निर्भर रहते थे। इसलिए सावन का महीना आने से पहले किसान ईष्ट देवों और प्रकृति से बेहतर फसल की कामना और पहाड़ों की रक्षा का आशीर्वाद मांगते थे।हरिद्वार में सोमवती अमावस्या का स्नान जारी है।


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