92 संस्थाएं जांच के घेरे में, सीएम धामी ने दिए SIT जांच के आदेश
देहरादून। उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों के सहारे छात्रवृत्ति की भारी रकम गबन करने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष जांच टीम (SIT) के गठन के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा, और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा की गई अनियमितताओं एवं फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से छात्रवृत्ति राशि के गबन के गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए एसआईटी के गठन के निर्देश दिए गए हैं।
प्रथम दृष्टया जांच में यह…
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 22, 2025
92 संस्थाएं संदेह के घेरे में
केंद्र सरकार द्वारा साझा किए गए 2021-22 और 2022-23 सत्रों के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड की 92 शिक्षण संस्थाएं छात्रवृत्ति घोटाले के संदेह में हैं। प्रारंभिक जांच में 17 संस्थाओं में गबन की पुष्टि हो चुकी है। इन संस्थानों में मदरसों, संस्कृत विद्यालयों और अन्य स्कूलों का नाम सामने आया है। जांच में सामने आया है कि कुछ संस्थानों ने विद्यार्थियों की संख्या, आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र और धार्मिक पहचान जैसे दस्तावेजों को फर्जी तरीके से प्रस्तुत कर छात्रवृत्ति हासिल की।
चौंकाने वाले खुलासे: मदरसा नहीं फिर भी अल्पसंख्यक लाभ
उधमसिंह नगर के सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, किच्छा को कागजों में मदरसा दर्शाया गया और दावा किया गया कि वहां 154 मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं, जबकि असलियत में यह संस्थान अल्पसंख्यक मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके संचालक का नाम मोहम्मद शारिक-अतीक बताया गया है। इसी तरह काशीपुर की नेशनल अकादमी JMYIHS और मदरसा अल-जामिया उल मदरिया के संचालकों और छात्रों के भी दस्तावेजों के सत्यापन के निर्देश जारी किए गए हैं।
जांच में और गहराई
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि SIT पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी। सिर्फ संस्थाएं ही नहीं, संबंधित सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जाएगी। केंद्र सरकार ने जांच के लिए सात बिंदुओं की सूची राज्य सरकार को दी है, जिसमें फर्जीवाड़े की पहचान कर FIR दर्ज करने से लेकर वित्तीय पुनर्प्राप्ति तक के निर्देश शामिल हैं।
दूसरे चरण का सत्यापन शुरू
इस घोटाले के सामने आने के बाद अब प्रदेश के 72 कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का दूसरे चरण का सत्यापन शुरू किया जा रहा है। इससे पहले 17 संस्थानों में फर्जीवाड़ा सामने आया था। विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच का दायित्व सौंपा गया है।
क्या है अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना?
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना के तहत कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसमें एडमिशन फीस, पढ़ाई का खर्च और भरण-पोषण भत्ता शामिल होता है। कक्षा 11 और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे अल्पसंख्यक छात्रों को ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क और अन्य शैक्षणिक सुविधाओं के लिए आर्थिक मदद दी जाती है।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
“प्रदेश में छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड