नए मुख्यमंत्री के नाम पर 20 मार्च तक मुहर ! लाबिंग पर हाईकमान सख्त

Spread the love

विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ आयी बीजेपी एक बार फिर दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज होने जा रही है। सरकार बनाने की कवायद में बीजेपी संगठन की तरफ से नवनिर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में उपलब्ध रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि हाईकमान होली के बाद ही विधायक दल की बैठक बुलाने के पक्ष में है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर 20 मार्च तक मुहर लग सकती है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, होली के बाद 19, 20 मार्च को विधायक मंडल दल की बैठक हो सकती है। जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। हालांकि, उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला हाईकमान को ही करना है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
नेता सदन के चयन में हो रही लगातार देरी से जहाँ मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल चेहरों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। वहीँ इस दौड़ में शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों के उम्मीदवारों में दिन-प्रतिदिन नए नाम जुड़ने लगे है और मामला दिलचस्प होता जा रहा है। जहाँ वरिष्ठ नेता जहाँ दिल्ली दौड़ लगाते नज़र आ रहे हैं तो वहीँ कुछ नेता प्रदेश में ही विधायकों की घेराबंदी में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री को लेकर नेताओं के समर्थन में लाबिंग और नारेबाजी करने पर भाजपा हाईकमान गंभीर बताया जा रहा है। पिछले दिनों भाजपा मुख्यालय में कुछ समर्थक कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी की थी। वहीं, कुछ नेता लाबिंग में जुटे हैं। सूत्रों ने बताया कि हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व को इस तरह की नारेबाजी को बंद करने की हिदायत दी है।
माना जा रहा है कि इस बार भाजपा हाईकमान नेता के चुनाव में हर एंगल पर काम कर रही है।हाईकमान नया मुख्यमंत्री चुनने में पिछली बार की तरह तीन-तीन सीएम बदलने जैसी स्थितियां इस बार नहीं आने देना चाहता। बता दें कि पिछली सरकार में तीन तीन मुख्यमंत्री बदलने के कारण विपक्षी पार्टियां हमलावर रही थी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में सरकार गठन की डेडलाइन 23 मार्च तक है। सरकार गठन और मुख्यमंत्री के चुनाव में देरी होने का प्रमुख कारण 10 मार्च से 17 मार्च तक होलाष्टक होना माना जा रहा है। साथ ही हाईकमान पूरे  होमवर्क के साथ इस बार सरकार के गठन की कवायद में है जिससे कि सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल बिना किसी अवरोध के भली भांति निभा सके।

Spread the love