छोटी सरकार मत पेटियों में बंद, ये मत प्रतिशत क्यूँ बड़ा रहा टेंशन, दिन भरी चली खींचतान

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छोटी सरकार अब मतपेटियों में बंद है, उत्तराखंड राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव कई मायनों में दिलचस्प रहे, और मतदान का प्रतिशत प्रत्याशियों को तनाव में डालने वाला दिखाई दे रहा है। मतदान के दिन छिटपुट घटनाओं और विवादों ने चुनावी प्रक्रिया को और भी रोचक बना दिया। कई स्थानों से वोटर लिस्ट में नाम काटने की शिकायतें आईं, तो कहीं किसी का वोट किसी और के द्वारा डाले जाने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहीं। 

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इस चुनावी प्रक्रिया में प्रदेशभर के मतदाता उत्साह के साथ अपने अधिकार का प्रयोग करते नजर आए। हालांकि, छिटपुट घटनाओं ने व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े किए, लेकिन कुल मिलाकर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। अब प्रत्याशी अपने-अपने भाग्य के फैसले के लिए 25 तारीख का इंतजार कर रहे हैं, जब मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित होंगे।

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राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान सभी पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में जोर-शोर से प्रचार किया। स्थानीय मुद्दों से लेकर विकास योजनाओं तक हर विषय पर चर्चा हुई। कुछ जगहों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना तीखा था कि मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण साफ नजर आया।

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प्रदेशभर में 66 फीसदी वोटिंग हुई है. वोटिंग के बाद 5405 प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों में कैद हो गई है. अब 25 जनवरी को मतगणना होगा. बता दें उत्तराखंड की 100 निकायों में 11 नगर निगम, 43 नगर पालिकाओं और 46 नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ. 100 निकायों में मतदान कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने 16,284 कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाया. इसके साथ ही 25,800 पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी में लगे

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मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो इस बार का प्रतिशत प्रत्याशियों को आश्चर्यचकित कर सकता है। एक ओर जहां यह जन जागरूकता का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर प्रत्याशियों के लिए यह चिंता का विषय भी है, क्योंकि अधिक मतदान के परिणाम अनपेक्षित हो सकते हैं।

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अब जब चुनावी प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो चुका है, प्रत्याशियों के साथ-साथ राजनीतिक पंडित भी अपने-अपने हिसाब से गणनाएं कर रहे हैं। हर प्रत्याशी के दिल में आशा और आशंका का द्वंद्व चल रहा है।

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आखिरकार, 25 तारीख को मतगणना के बाद इन चुनावों का परिणाम सामने आएगा। तब तक के लिए प्रत्याशी अपनी धड़कनों की गिनती करते रहेंगे और राजनीतिक विश्लेषक संभावित नतीजों पर अपने अनुमान लगाते रहेंगे। यह देखना रोचक होगा कि किसे जनता ने अपना प्रतिनिधि चुना और किसे नकार दिया।

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बता दें कि 11 नगर निगमों में मेयर के लिए 72 प्रत्याशी मैदान में हैं. 89 नगर पालिका, नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 445 प्रत्याशी हैं. सभी निगम, पालिका, पंचायतों में वार्ड सदस्य/पार्षद के कुल 5405 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.


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