11,321 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, कैग रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखी गई

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उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है, सत्र के दूसरे दिन लंच के बाद 11,321 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। अनुपरक बजट में 3530 करोड़ राजस्व एवं लगभग 7790 करोड़ पूंजीगत का प्रस्ताव है। इस दौरान सदन में कई विधेयक भी रखे गए। इसके साथ ही 2022 की कैग रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई।

सीएम धामी की मौजूदगी में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शाम चार बजे बजट सदन पटल पर रखा। अनुपूरक बजट की मंजूरी के बाद राज्य का कुल बजट 88728 करोड़ रुपये का हो जाएगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए 77407 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था। पटल पर आए अनुपूरक अनुदान मांगों में पूंजीगत व्यय के तहत 600 करोड़ सड़कों और पुलों के निर्माण, 765 करोड़ का जल जीवन मिशन, 321 करोड़ का आवास एवं शहरी विकास, 156 करोड़ टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण, 135 करोड़ पार्किंग निर्माण, 128 करोड़ समग्र शिक्षा, 100 करोड़ लोनिवि की आरआईडीएफ योजना, 100 करोड़ हरिद्वार मेडिकल कॉलेज निर्माण, 67 करोड़ रूफ टॉप सोलर संयंत्र व स्ट्रीट लाइट, 50 करोड़ मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी भवन बनाने, 50 करोड़ यूनिटी माल बनाने पर खर्च किए जाएंगे।

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में आरक्षण विधेयक समेत कुल 12 विधेयक पटल पर रखे गए, जबकि कारखाना (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2020 को पुनर्विचार के लिए वापस लिया गया। बुधवार को भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए राज्य के वित्त पर रिपोर्ट पटल पर पेश हुई। रिपोर्ट में राज्य के वित्तीय एवं बजट प्रबंधन पर सवाल उठाए गए हैं। कैग ने सरकार की बजट प्रक्रिया की जांच में पाया कि 40 प्रकरणों में 7072.07 करोड़ की अनुपूरक मांग अनावश्यक साबित हुई। बजट में 51296.33 करोड़ का प्रावधान किया गया था और सरकार ने 44,832.36 करोड़ ही खर्च किए। इस तरह शेष राशि बेकार साबित हुई।


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