देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है, और देश तीसरी लहर के मुहाने पर बैठा है, पिछले एक सप्ताह के दौरान संक्रमण में 30 प्रतिशत और मौतों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रोजेक्ट जीवन रक्षा द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार एक सप्ताह में कोरोना के मामले 2.33 लाख से बढ़कर 2.88 लाख हो गए हैं, जबति मौतें 3110 से बढ़कर 3603 हो गई हैं। यह वृद्धि क्रमशः 30% व 16% की रही है। इनमें से ज्यादातर संक्रमण केरल व महाराष्ट्र के हैं। मौत के मामले भी इन्हीं दो राज्यों में ज्यादा हैं।
वहीं उत्तराखंड में कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग के बाद अब नैनीताल जनपद में पहली बार कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट के 3 मरीज सामने आए हैं। वहीं 1 मामला कोटद्वार से भी सामने आया है।
सीएमओ नैनीताल भागीरथी जोशी ने बताया है कि करीब 25 दिन पहले पदमपुर में 1 और गरमपानी क्षेत्र में 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके परिवार व उनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए थे, सभी की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। डेल्टा वेरिएंट की जांच के लिए तीनों संक्रमितों के सैंपल रैंडम सैंपलिंग के तहत दिल्ली स्थित केन्द्रीय लैब भेजे गए थे, सोमवार को इन तीनों के सैंपल में डेल्टा प्लस के सब वेरिएंट (सब लाइनेज ए वाई. 2) का मामला सामने आया है। सीएमओ के मुताबिक तीनों मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, एहतियात के तौर पर तीनों मरीजों के क्षेत्र में सैंपलिंग को बढ़ाया जाएगा।
ऊधर कोटद्वार में कोरोना के डेल्टा प्लस एवाई-12 वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है, स्वास्थ्य विभाग ने मरीज को होम क्वारंटीन कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में लगातार सामने आ रहे डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों ने शासन-प्रशासन की चिंता भी बढाई है, इन दिनों प्रदेश के अस्पतालों में खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या अधिक देखी जा रही है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने खांसी-जुकाम वाले मरीजों की अनिवार्य रूप से कोरोना जांच कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले के मुकाबले टेस्टिंग बहुत कम कर दी गई है।
सरकार ने कोरोना के नए मामलों को देखते हुए प्रदेश कोविड कर्फ्यू को भी एक सप्ताह के लिए और बढ़ाया है, लेकिन पहले ही गाइडलाइन में कई तरह की छूट दी गई हैं, शादी- विवाह व अंतिम संस्कार में सरकार ने अभी भी 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दी है। लेकिन राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में लोगों की जमकर भीड़ देखी जा रही है, और सोशल डिस्टेंसिंग की भी खूब धज्जियाँ उडाई जा रही हैं। बाजारों में भी अब लोग बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। शासन-प्रशासन व लोगों द्वारा बरती जा रही यह लापरवाही आने वाले दिनों में कहीं आम जन के जीवन भर भारी न पड़ जाए।
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