हेमकुंड साहिब के कपाट आज दोपहर दो बजे होंगे बंद, अंतिम अरदास के साक्षी बनने पहुंचे हजारों श्रद्धालु

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हेमकुंड साहिब के कपाट आज दोपहर दो बजे होंगे बंद, अंतिम अरदास के साक्षी बनने पहुंचे हजारों श्रद्धालु

चमोली/देहरादून। सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट आज 10 अक्टूबर (शुक्रवार) को दोपहर दो बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद होंगे। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट ने कपाट बंदी की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पिछले दिनों हुई बर्फबारी के बाद पूरा हेमकुंड क्षेत्र सफेद चादर में लिपटा हुआ है।

आज सुबह 10 बजे सुखमणी साहिब के पाठ के साथ कपाट बंद होने की धार्मिक प्रक्रिया शुरू हुई। ट्रस्ट अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि सुखमणी साहिब के पाठ और कीर्तन के उपरांत गुरु ग्रंथ साहिब को सचखंड में सुशोभित किया जाएगा। इसके बाद दोपहर एक बजे गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इसी के साथ लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर बंद किए जाएंगे। यह दोनों धार्मिक स्थल एक ही परिसर में स्थित हैं।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़, बर्फ से ढका परिसर

कपाट बंद होने की इस पवित्र घड़ी के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु घांघरिया पहुंच चुके हैं। पूरे परिसर में भक्ति और भावनाओं का वातावरण है। हिमपात से ढका यह तीर्थस्थल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है।

139 दिन चली हेमकुंड यात्रा

इस वर्ष हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले गए थे और आज 10 अक्टूबर को बंद हो रहे हैं। इस प्रकार यात्रा कुल 139 दिन तक चली। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक दो लाख 72 हजार श्रद्धालु पवित्र धाम में दर्शन के लिए पहुंचे।

कपाट बंद होने के बाद अब हेमकुंड साहिब में शीतकालीन विश्राम का समय शुरू होगा। अगले वर्ष मई माह में मौसम अनुकूल होने पर पुनः कपाट खोले जाएंगे।


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