जंगलों में आग हुई विकराल, धूं-धूं कर जल रहे जंगल

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भीषण गर्मी के बीच उत्तराखंड के पहाड़ों में वनाग्नि अब विकराल होती जा रही है, जंगल तेजी से धधकने लगे हैं। जिलों को अलर्ट किया गया है। अगर जल्द ही बारिश न हुई तो आने वाले दिन वनाग्नि के लिहाज से ज्यादा भयावह रूप धारण  सकते हैं। आग पर काबू पाने में वन विभाग के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं।

जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ने के बाद वन विभाग ने आठ जिलों की 12 डिवीजनों में वन पंचायत या जंगलों के आसपास पराली और घास जलाने पर रोक लगा दी। सभी डीएफओ को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
एपीसीसीएफ-फॉरेस्ट फायर निशांत वर्मा के अनुसार, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा और चमोली के 12 डिवीजन इस वक्त सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं।

प्रदेश में 78 नई घटनाएं दर्ज की गई, जिसमें करीब 113 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा बताते हैं कि प्रदेश में अब तक 799 वनाग्नि की घटनाएं रिपोर्ट की जा चुकी हैं। जंगल में आग की इन घटनाओं से कुल 1133 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जबकि अब तक 31 लाख रुपये से अधिक के आर्थिक नुकसान का जायजा लिया गया है।

 

विभिन्न जिलों से मिल रही ख़बरों के मुताबिक बागेश्वर में पांच मकान और दो गोदाम आग की भेंट चढ़ गए हैं।बागेश्वर में जंगल की आग की चपेट में आने से कपकोट ब्लॉक के नामतीचेटाबगड़ में पांच मकान जल गए। मकानों में रखा सारा सामान राख हो गया है।  वहीं झिरौली, नैणी के जंगलों में लगी आग मैग्नेसाइट के गोदाम तक पहुंच गई। आग की चपेट में आने से दो गोदाम जलकर राख हो गए। दूसरी ओर अल्मोड़ा में जागेश्वर, लमगड़ा और जौरासी वन क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाएं हुईं हैं। इसके अतिरिक्त खबर है कि  पिथौरागढ़ जिले के बेड़ीनाग क्षेत्र में शाह गराऊं, पोस्ताला, हजेती, जाख, बरसायत, उडियारी में बीते दो दिन से जंगल जल रहे हैं। बेड़ीनाग के आसपास के क्षेत्र में आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है। चमोली जिले में गोपेश्वर के पास रैली के जंगलों में आग लगी है।
जंगल की इस आग में वन संपदा के साथ ही वन्य जीवों का जीवन भी खतरे में हैं। बुधवार को बीते 24 घंटे में 78 स्थानों पर वनाग्नि की घटनाएं रिपोर्ट की गई। यदि आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई तो जंगल की यह आग और विकराल रूप ले सकती है। वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधक कार्यालय की की ओर से बुधवार शाम चार बजे तक जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में वनाग्नि की 28 घटनाएं गढ़वाल और 46 घटनाएं कुमाऊं क्षेत्र में दर्ज की गईं। आग पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से जंगल को आग से बचाने के लिए वन विभाग का सहयोग करने की अपील की है।
गौरतलब है की अभी गर्मी का सीज़न शुरू ही हुआ है इस लिहाज से आने वाले दिन काफी संवेदनशील हैं।वनाधिकारियों मुताबिक तापमान बढ़ने से कई स्थानों पर हवा की नमी घटकर 20 फीसदी के आसपास रह गई है।ऐसे में सूखे पत्तों को कहीं से भी चिंगारी मिलती है तो आग तेजी से फैलती है। इस आशंका से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान बताया है। यदि बिना बारिश तेज हवाएं चलती हैं तो यह वनाग्नि की नजरिये से काफी घातक हो सकता है। अब विभाग की उम्मीदें सिर्फ बारिश पर टिकी हैं। गौरतलब है की अभी गर्मी का सीज़न शुरू ही हुआ है इस लिहाज से आने वाले दिन काफी संवेदनशील हैं।

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