उत्तराखंड के आध्यात्मिक महत्व वाले नगर जोशीमठ के स्थानीय निवासी आजकल दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। जोशीमठ नगर में जगह जगह हो रहे भू-धसावँ के कारण वहां के मकानों में दरारें पड़ गयी हैं और वह धीरे-धीरे बढ़ने लगी हैं। भू-धसांव के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली के जिलाधिकारी से विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जोशीमठ नगर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ नगर में जगह-जगह हो रहे भूधंसाव के कारण मकानों में दरारें बढ़ रही हैं। सिंहधार वार्ड के बदरीनाथ हाइवे स्थित दो होटल भी तिरछे हो गए हैं, जिससे यह अंदाज लगाया जा सकता है कि जोशीमठ नगर पर कितना संकट छाया हुआ है। नगर पालिका की रिपोर्ट के अनुसार नगर में एक साल से नगर में भूधंसाव हो रहा है। भूधंसाव के कारण लोग दहशत में है। मकानों में दरारें बढ़ रही हैं।
जोशीमठ नगर में करीब दो हजार मकान हैं। सर्वे के अनुसार भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी हैं। भू-धंसाव से मकानों के साथ कृषि भूमि भी प्रभावित हो रही है। यहां खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं और यह बढ़ती जा रही हैं। जमीनों के धसने और मकानों में पड़ने वाली दरारों से स्थानीय निवासी खौफ में हैं।
रविवार को भाजपा प्रदेेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर सीएम से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया। बताया कि जोशीमठ में लगातार हो रहा भू-धंसाव चिंता का विषय है। उन्होंने सीएम से प्रभावित लोगों और कारोबारियों को हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुए राहत और मदद पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने स्थानीय लोगों की व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए समस्या का समाधान करने के लिए विस्तृत नीति बनाने पर जोर दिया।
भट्ट ने कहा कि चर्चा के बाद मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी चमोली से तत्काल वार्ता कर शीघ्र विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट भेजने और भू-धसांव से प्रभावितों परिवारों को सभी संभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।