सावन मास चार जुलाई (आज ) से प्रारंभ हो गया है। सावन का यह महीना इस वर्ष भक्तों को दोगुनी खुशी देगा बल्कि यूं कहे की ज्यादा फलदायी साबित होने जा रहा है। जो भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करने वाला और कार्य सिद्धि करने वाला होगा। आईए जानते हैं क्या है इस वर्ष के सावन की खास बात और क्यों है ये ज्यादा फलदायी?
इस बार सावन मास महीने का होगा। सावन बहुत सारे शुभ संयोग और योगों को लेकर या रहा है। भक्तों को भगवान शिव की पूजा के लिए आठ सोमवार मिलेंगे। 31 अगस्त तक सावन मास रहेगा। वहीं इस बार सावन मास का प्रारंभ इंद्र योग में हो रहा है। जो भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करने वाला और कार्य सिद्धि करने वाला होगा।भक्तों को भगवान शिव की पूजा के लिए भी आठ सोमवार मिलेंगे। 31 अगस्त तक सावन मास रहेगा। 19 वर्ष बाद सावन का महीना 30 दिन का ना हो कर 59 दिन का होगा। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करना विशेष फल देने वाला होता है। क्योंकि इस महीने भगवान शिव गंगा के निकट यानी हरिद्वार तीर्थ में विराजते हैं। मान्यता के अनुसार गंगा के जल तथा कांवड़ के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है भगवान शिव को जल धारा सर्वाधिक प्रिय है। जो व्यक्ति सावन मास में भगवान शिव का कांवड़ के जल से अभिषेक करता है उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बुध व शुक्र के संयोग से लक्ष्मीनारायण योग , सूर्य व बुध की युक्ति से बुधादित्य जैसे राजयोग बन रहा है । साथ ही गजकेसरी योग और शश योग का भी निर्माण हो रहा है। सावन में 8 सोमवार के व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे।
पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को, दूसरा 11 जुलाई को, तीसरा 18 जुलाई,को चौथा 25 जुलाई को, पाँचवा 1 अगस्त को, छठा 8 अगस्त को , सातवां 15 अगस्त को, आठवां 22 अगस्त को और नौवां 29 अगस्त को रखा जाएगा । आठ को बोया जाएगा हरेला , सावन मास मे बोया जाने वाला हरेला 8 जुलाई को बोया जाएगा और 17 जुलाई को अमावस्या के दिन कट जाएगा। अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा।
सावन के साथ कावड़ भी शुरू हो जाता है। सावन का महीना आते ही हर तरफ माहौल शिवमय हो जाता है। हर कोई शिव की भक्ति में लीन हो जाता है। इस बार दो महीने तक शिव भक्ति की बयार बहती रहेगी। इस दौरान शिव जी का अभिषेक, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, गंगा जल से अभिषेक किया जाएगा। सावन के महीने में शिव भक्त कावड़ यात्रा के लिए निकल जाते है और पैदल चल कर गंगा से पानी भर कर लाते हैं और शिव जी पर जल चढ़ाते हैं। सावन का महीना सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इस माह में शिव जी पर अगर जल चढ़ाया जाए तो माना जाता है कि भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही भक्त गंगा से कावड़ भरकर भी लाएंगे और शिवजी को गंगा जल अर्पित करेंगे। सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का बहुत महत्व बताया गया है। इस साल कावड़ यात्रा 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगी। क्योंकि इस बार सावन एक महीना का नहीं बल्कि दो महीना का होगा। सावन के दो महीने के होने की वजह से कावड़ियों को भी शिव भक्ति के लिए इस बार ज्यादा समय समय मिल जाएगा।
15 जुलाई, 2023, शनिवार शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
30 जुलाई, 2023 रविवार प्रदोष व्रत
13 अगस्त, 2023 रविवार प्रदोष व्रत
14 अगस्त, 2023 सोमवार शिवरात्रि
28 अगस्त, 2023, सोमवार प्रदोष व्रत
सावन माह का पहला मंगला गौरी व्रत 04 जुलाई को सावन के पहले दिन ही रखा जाएगा। इस दिन कुछ उपायों को करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के साथ ही माता पार्वती की पूजा के लिए बहुत ही खास होता है। सावन में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और विवाह में आ रही अड़चने भी दूर हो जाती हैं।
जिन लोगों का विवाह मंगल दोष या किसी अन्य कारणों से नहीं हो रहा है, वो मंगला गौरी व्रत के दिन मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें।
पूजा में श्री मंगला गौरी मंत्र ‘ॐ गौरी शंकराय नमः’ का 108 बार जाप करें। जब पूजा समाप्त हो जाए तो मां गौरी के चरण में सिंदूर चढ़ाएं और उंगली में बचा हुआ सिंदूर अपने माथे पर लगा लें। इस उपाय को करने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। मां गौरी को मंगला गौरी व्रत की पूजा में सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार से जुड़े सामना जैसे- सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, काजल, आलता,मेहंदी, महावर, लाल चुनरी आदि चढ़ाएं। पूजा के बाद अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें। इससे पति के साथ सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत होता है। विवाह में रुकावटों का कारण मंगल दोष भी हो सकता है। ऐसे में आप मंगला गौरी व्रत के दिन एक लाल रंग के कपड़े में 2 मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर किसी गरीब, भिखारी या जरूरतमंद को दे दीजिए। इससे कुंडली का मंगल दोष दूर हो जाता है। मंगला गौरी व्रत के दिन शिव-पार्वती की कथा सुनें। शिव और पार्वती के साथ ही हनुमान जी को भी गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद इस गुड़ को सफेद गाय को खिला दें। इस उपाय को करने से विवाह में आने वाली बाधा दूर हो जाती है। वहीं शादीशुदा लोगों के दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है।
उत्तराखंड में सरकार चौकस है और उनके मुताबिक तैयारियां चाक -चौबंद है । कांवड़ मेले को लेकर पुलिस ने यातायात रूट डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है। नौ से 17 जुलाई तक शहर में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अलग-अलग तिथियों में यातायात प्लान की व्यवस्था बदलती रहेगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले को लेकर यातायात प्लान जारी कर दिया गया है। मेले में भीड़ के मद्देनजर अलग-अलग दिन के हिसाब से प्लान तैयार किया गया है।
इन तिथियों में रहेगी ये व्यवस्था-
दो जुलाई से आठ जुलाई तक आवश्यक सेवाओं में प्रयुक्त होने वाले वाहनों के अतिरिक्त सभी भारी वाहनों का सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।- नौ से 17 जुलाई तक आवश्यक सेवाओं में प्रयुक्त वाहनों के अतिरिक्त सभी भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।- दो जुलाई से सात जुलाई तक सभी वाहन सामान्य रूप से पूर्व से निर्धारित रूट पर ही चलेंगे।- आठ जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ मेले में आने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों का पार्किंग स्थलों के लिए डायवर्जन किया जाएगा।- आठ जुलाई से 17 जुलाई तक जिले की सीमा से हरिद्वार शहर की तरफ प्रवेश करने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों का वैकल्पिक मार्गों से डायवर्जन किया जाएगा।
रूट डायवर्जन- हरिद्वार में यातायात का दबाव अधिक होने पर दिल्ली मेरठ की तरफ से आने वाले सभी वाहनों को नंगला इमरती सर्विस लेन एनएच 334 से लंढौरा लक्सर होते हुए हरिद्वार भेजा जाएगा।
पंजाब और सहारनपुर से हरिद्वार जाने वाले वाहनों को भगवानपुर एनएच-344 से बिझौली अब्दुल कलाम चौक से नंगला इमरती सर्विस लेन से भेज कर लंढौरा लक्सर होते हुए हरिद्वार भेजा जाएगा।
देहरादून और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर यूपी से डायवर्ट कर देवबंद गागलहेड़ी मोहंड होते हुए देहरादून एवं पर्वतीय क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
नजीबाबाद और कुमाऊं की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को बिलासपुर तिराहा से डायवर्ट कर मीरापुर, बिजनौर होते हुए नजीबाबाद से कुमाऊं क्षेत्र में भेजा जाएगा।
सामान्य दिनों में नजीबाबाद और कुमाऊं की तरफ जाने वाले सभी वाहनों को नंगला इमरती सर्विस लेन एनएच 334 से लंढौरा लक्सर- बालावाली से बिजनौर होते हुए नजीबाबाद से होकर कुमाऊं भेजा जाएगा।
दिल्ली मेरठ मुजफ्फरनगर से देहरादून जाने वाले सभी वाहनों को बिझौली सर्विस लेन अब्दुल कलाम चौक से भगवानपुर एनएच-344 से मंडावर और मोहंड होते हुए देहरादून एवं पर्वतीय क्षेत्र में भेजा जाएगा।
17 जुलाई से पर्वतीय क्षेत्रों में सावन मास मनाया जाएगा।