आज एक बार फिर रावण का घमंड चूर-चूर हुआ और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देशभर में मनाया गया। इसी क्रम में पहाड़ से लेकर मैदान तक दशहरा का पर्व मनाया गया। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी समेत विभिन्न स्थानों पर रावण का पुतला दहन किया गया। देहरादून के परेड ग्राउंड में सबसे ऊंचे 131 फीट के रावण के पुतले का दहन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिमोट का बटन दबाकर किया।
उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में दशहरा मेले का लोगों में जबरदस्त क्रेज रहा। देहरादून,रुड़की, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर,विकासनगर, हरिद्वार जैसे शहरों में धूमधाम से दशहरा उत्सव मनाया गया और रावण के पुतले का दहन किया गया। देहरादून के परेड ग्राउंड के अतिरिक्त अन्य स्थानों लक्ष्मण चौक, इंदिरा नगर, प्रेम नगर, पटेल नगर में भी दशहरा उत्सव का भव्य आयोजन हुआ।
बता दें कि देहरादून शहर में दशहरा मेले में रावण दहन की परंपरा दशकों से निभाई जा रही है, जिसकी शुरुआत 1948 में पाकिस्तान से आये बन्नू बिरादरी द्वारा की गयी थी। इस बार देहरादून के परेड ग्राउंड में सबसे ऊंचे 131 फीट के रावण का पुतला बनाया गया तो वहीं 60-60 फीट के कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले खड़े किए गए। इसके अलावा 35 फीट चौड़ी व ऊंची लंका और लंका के बाहर पहरेदार के रूप में 25-25 फीट के दो राक्षस के पुतले भी पहली बार दिखाई दिए। लोगों में उन्हें देखने का क्रेज लगातार बना रहा। इसमें इको फ्रेंडली पटाखों का प्रयोग किया गया। अनुमान है की इस दौरान मैदान में 50 हजार से ज्यादा लोगों की तादाद रही। भीड़ को कंट्रोल करने में पुलिस को भी खूब मशक्क़त करनी पड़ी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले का दहन किया और प्रदेशवासियों को विजयादशमी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयदशमी का पर्व अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।