उत्तराखंड में मौसम ने फिर करवट बदल ली है और इसका सीधा असर आगामी निकाय चुनाव 2025 पर पड़ सकता है। राज्य में 23 जनवरी को मतदान के दौरान झमाझम बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना ने प्रत्याशियों और मतदाताओं की चिंता बढ़ा दी है।

मौसम विभाग की चेतावनी:—
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने स्पष्ट कर दिया है कि 18 से 22 जनवरी तक उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे ऊंचाई वाले जिलों में लगातार बारिश और बर्फबारी हो सकती है। 23 जनवरी को प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है, जिससे मतदान प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।

बढ़ सकती है ठंड और ठिठुरन:—
बारिश और बर्फबारी के कारण उत्तराखंड में ठंड चरम पर पहुंचने की संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों में 2500 मीटर से ऊंचे इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में तेज बारिश का असर जनजीवन पर पड़ सकता है। राजधानी देहरादून में जहां अधिकतम तापमान 23°C के आसपास रहेगा, वहीं सुबह और रात की ठंड ने लोगों को पहले ही परेशान कर रखा है।
प्रत्याशियों की बढ़ी टेंशन:—
मौसम के इस बदले मिजाज ने चुनाव मैदान में खड़े प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। खराब मौसम के चलते मतदान प्रतिशत पर असर पड़ने की आशंका है। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में मतदाता बारिश और ठंड के चलते घरों से बाहर निकलने से हिचकिचा सकते हैं। इससे भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के प्रत्याशियों की जीत-हार के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।

मतदाताओं के लिए चुनौती:—
कोहरे और बारिश के चलते मैदानी इलाकों में दृष्टि बाधित हो सकती है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण सड़कों पर फिसलन और मार्ग अवरुद्ध होने का खतरा है। इसके अलावा, ठंड के कारण मतदान केंद्रों पर कम भीड़ होने की संभावना है, जो लोकतंत्र के उत्सव में बाधा बन सकता है।

क्या कहता है चुनाव आयोग?—
चुनाव आयोग ने मौसम की इस चुनौती का सामना करने के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के चलते इन तैयारियों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रत्याशियों का क्या कहना है?—
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि खराब मौसम से मुकाबला करने के लिए मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। कई प्रत्याशियों ने ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर लोगों से मतदान के लिए बाहर निकलने की अपील की है।

जहां एक ओर बारिश और बर्फबारी ने मौसम को रोमांचक बना दिया है, वहीं दूसरी ओर यह उत्तराखंड निकाय चुनाव के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अब देखना यह है कि प्रकृति के इस इम्तिहान में राज्य के मतदाता कैसे भागीदारी निभाते हैं और लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित करते हैं।