“यह दशक उत्तराखंड का दशक”, पीएम मोदी ने नौ नवंबर पर किए नौ आग्रह, “वोकल फॉर लोकल” का किया आह्वान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य की उपलब्धियों और भविष्य के लक्ष्यों पर विचार व्यक्त किए। पीएम मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से प्रदेश के लोगों के लिए नौ आग्रह भी किए, जिसमें पांच स्थानीय निवासियों के लिए और चार पर्यटकों के लिए थे। उन्होंने उत्तराखंड की प्रगति और विकास को केंद्र में रखते हुए राज्य के महत्व को रेखांकित किया।

(प्रधानमंत्री के नौ आग्रह: स्थानीय और पर्यटकों के लिए विशेष संदेश)

उत्तराखंड का दशक और प्रधानमंत्री का अटल विश्वास (चित्र साभार – सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि उत्तराखंड का यह दशक राज्य के विकास और समृद्धि के लिए अहम है। उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों पहले उन्होंने बाबा केदारनाथ के चरणों में बैठकर यह विश्वास प्रकट किया था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा, और आज राज्य उस दिशा में सही कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली “डबल इंजन” सरकार की सराहना की, जो उत्तराखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य कर रही है। उत्तराखंड की आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य की जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय, जल और सड़कों के विस्तार को लेकर भी सराहना की।

राज्य स्थापना और विकास का महत्व( चित्र साभार – सोशल मीडिया )

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण के पीछे एक लंबा संघर्ष रहा है, जिसे राज्य के लोगों ने अपनी आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हासिल किया। 9 नवंबर को अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने प्रदेश के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया और बताया कि किस प्रकार सरकार ने राज्य की प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्त्वपूर्ण नीतियां और योजनाएं चलाई हैं। राज्य में कई प्रकार के सुधार हुए हैं, जिससे यहां के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।

विकास के आंकड़े: जीडीपी, जीएसटी, और प्रति व्यक्ति आय (चित्र साभार- सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की आर्थिक प्रगति पर चर्चा करते हुए बताया कि उत्तराखंड की जीडीपी पिछले कुछ वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ से तीन लाख करोड़ रुपये हो गई है। राज्य का प्रति व्यक्ति आय स्तर भी 2 लाख से अधिक हो चुका है, जो राज्य में आर्थिक प्रगति का संकेत है। इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास को दर्शाता है। 2014 में उत्तराखंड की प्रतिवर्ष आय 1.25 लाख रुपये सालाना थी, जो अब बढ़कर 2.6 लाख रुपये हो गई है।

जल और सड़क सुविधाओं में सुधार (चित्र साभार – सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री मोदी ने जल आपूर्ति के आंकड़ों पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले उत्तराखंड के पांच प्रतिशत घरों में ही नल से जल पहुंचता था, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 96 प्रतिशत तक हो गई है। इसी प्रकार सड़कों के विस्तार में भी तेजी आई है। 2014 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सिर्फ छह हजार किलोमीटर सड़क बनी थी, जो अब 20 हजार किलोमीटर से अधिक हो चुकी है। इन विकास कार्यों से राज्य में पलायन की दर में कमी आई है, और लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

विरासत का संरक्षण और धार्मिक स्थलों का विकास (चित्र साभार – सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री मोदी ने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर भी ध्यान दिया। उन्होंने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का उल्लेख किया, जो देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बन रहे हैं। इसके अलावा, चारधाम यात्रा को आसान बनाने के लिए ऑल वेदर रोड का निर्माण किया गया है, जिससे चारधाम यात्रा के दौरान सुगमता हो सके। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 16 पौराणिक मंदिरों का विकास हो रहा है, जो राज्य के सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करता है।

सीमावर्ती गांवों का विकास: वाइब्रेंट विलेज योजना (चित्र साभार – सोशल मीडिया )

उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने माणा गांव का उदाहरण दिया, जहां से वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत उत्तराखंड के करीब 50 गांवों का विकास किया जा रहा है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रोजगार और अन्य सुविधाओं का विकास हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के गांवों को अंतिम नहीं बल्कि पहला गांव मानते हुए सरकार यहां के विकास के लिए कार्य कर रही है।

पर्यटन में वृद्धि और स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास (चित्र साभार – सोशल मीडिया )

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी आई है। 2014 में चारधाम यात्रियों की संख्या जहां 24 लाख थी, वह पिछले वर्ष बढ़कर 54 लाख हो गई है। इस वर्ष राज्य में छह करोड़ पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है। इससे स्थानीय होम स्टे, होटल, टैक्सी सेवाओं को आर्थिक लाभ हुआ है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। सरकार ने 5,000 से अधिक होम स्टे का पंजीकरण किया है, जो स्थानीय निवासियों की आय का स्रोत बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री के नौ आग्रह: स्थानीय और पर्यटकों के लिए विशेष संदेश (चित्र साभार – सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य स्थापना दिवस पर राज्यवासियों और पर्यटकों के लिए नौ आग्रह किए। इनमें से पांच आग्रह राज्य के निवासियों के लिए और चार आग्रह पर्यटकों के लिए थे। इन आग्रहों का उद्देश्य स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण, स्वच्छता, और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करना था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपने घरों में “तिबारी” वाले पुराने घरों को संरक्षित कर होम स्टे के रूप में विकसित करें, जिससे आर्थिक लाभ हो सके। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी पीढ़ियों को स्थानीय बोलियां सिखाएं।

पर्यटकों के लिए पीएम ने कहा कि वे “वोकल फॉर लोकल” को अपनाएं और कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों पर करें। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों से सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने, ट्रैफिक नियमों का पालन करने और धार्मिक स्थलों की मर्यादा का ध्यान रखने का आग्रह किया।

उत्तराखंड की नीतियों का देश के लिए उदाहरण (चित्र साभार – सोशल मीडिया )

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य ने एक उदाहरण स्थापित किया है। उत्तराखंड में लागू यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) और नकल विरोधी कानून का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ने नकल माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं और समय पर भर्तियां हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।

विकास और भविष्य के लिए योजनाएं 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती वर्ष पर देश के इस राज्य के महत्व और इसके उज्ज्वल भविष्य की आशा जताई। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है, जो विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के साथ राज्य को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड का भविष्य उज्ज्वल है, और आने वाले वर्षों में राज्य के निवासियों के जीवन में सुधार के साथ-साथ विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा।


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