उत्तरकाशी के दो अस्पताल तैयार, एम्स एयरलिफ्ट की भी है तैयारी; अलर्ट पर डॉक्टर

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सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकलने के बाद सबसे पहले चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके लिए सिलक्यारा, चिन्यालीसौड़ व उत्तरकाशी स्थित जिला अस्पताल में पूरी व्यवस्था कर ली गई है। सिलक्यारा में 10 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है, जबकि सामुदायिक अस्पताल चिन्यालीसौड़ व जिला अस्पताल उत्तरकाशी में 41-41 बेड की व्यवस्था की गई है।

साथ ही ऋषिकेश एम्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी आपात स्थिति में श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर एम्स पहुंचाया जाएगा। सिलक्यारा में जैसे-जैसे बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच रहा, वैसे-वैसे तमाम विभाग अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हुए। इसी क्रम में महानिदेशक चिकित्सा डा. विनीता शाह ने मंगलवार को उत्तरकाशी व सिलक्यारा का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति जांची थी।

अग्रिम आदेशों तक उत्तरकाशी जिले के समस्त चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी। जो चिकित्सक व कर्मचारी अवकाश पर थे, उनका अवकाश निरस्त कर उत्तरकाशी बुला लिया गया है। श्रमिकों को सुरंग के भीतर जरूरी दवा की आपूर्ति के लिए सिलक्यारा में चिकित्सकों की टीम शुरुआत से तैनात है। सिलक्यारा में बनाए गए 10 बेड के अस्थायी अस्पताल में 20 चिकित्सकों की तैनाती भी की गई है। जिसमें वरिष्ठ फिजिशियन और मनोचिकित्सक शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि जब श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाला जाएगा तो सर्वप्रथम विशेषज्ञ चिकित्सकों से उनकी स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी। सिलक्यारा, चिन्यालीसौड़ व उत्तरकाशी में तैयार किए गए सभी बेड पर ऑक्सीजन व जीवन रक्षक दवा भी उपलब्ध करा दी गई है। सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

सुरंग से बाहर निकलने पर सिलक्यारा में प्राथमिक उपचार के बाद सभी श्रमिकों को सबसे निकटवर्ती अस्पताल चिन्यालीसौड़ भेजने की योजना है। अगर किसी श्रमिक की स्थिति गंभीर हुई तो उसे एयर लिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स लाया जाएगा। सिलक्यारा में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं वाली 45 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं।

 


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