“आस्था बनी रहे, उपद्रव न बढ़े” — उत्तराखंड क्रांति दल ने सौंपा ज्ञापन, कहा: शांति भंग करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई हो
देहरादून, 20 जुलाई 2025
श्रावण मास में चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर सामने आ रही हुड़दंग और मारपीट की घटनाओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को गढ़वाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) राजीव स्वरूप से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा और ऐसे उपद्रवियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।

ज्ञापन में क्या मांग की गई?
यूकेडी के प्रतिनिधियों ने कहा कि कांवड़ यात्रा आस्था और शांति का प्रतीक है, लेकिन कुछ अवांछित तत्व इस धार्मिक यात्रा की आड़ में शांति भंग कर रहे हैं, जिससे न केवल आम जनता को परेशानी हो रही है, बल्कि उत्तराखंड की गरिमा भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ अभद्रता, सड़क जाम और दुकानदारों से मारपीट जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिन पर तत्काल सख्ती जरूरी है।
यूकेडी नेताओं ने पुलिस से यह भी मांग की कि —
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कांवड़ यात्रा में भाग लेने वालों का स्पष्ट पहचान और पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।
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स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।
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जो लोग धार्मिक आस्था की आड़ में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उन पर कड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया जाए।
यूकेडी नेताओं ने क्या कहा?
यूकेडी के कार्यालय प्रभारी देवचंद उत्तराखंडी ने कहा:
“उत्तराखंड देवभूमि है, यह शांति और आत्म शुद्धि का केंद्र है। हम कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हैं, लेकिन इसकी आड़ में किसी को उपद्रव फैलाने की छूट नहीं दी जा सकती।”
वहीं पार्टी की केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने स्पष्ट रूप से कहा:
“सड़कें जाम करना, राहगीरों से झगड़ा करना, और माहौल बिगाड़ना अब आम होता जा रहा है। यदि ऐसे तत्वों की पहचान कर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो यह यात्रा अपनी पवित्रता खो देगी।”
शांति की जमीन पर अनुशासन की ज़रूरत
यूकेडी का कहना है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वे धार्मिक यात्राओं के दौरान श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों — दोनों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करें। साथ ही, उपद्रवियों और बाहरी असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करें ताकि कांवड़ यात्रा की गरिमा और उत्तराखंड की शांति दोनों बनी रहे।
उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक रीढ़ है। ऐसे में धार्मिक आयोजनों की मर्यादा बनाए रखना और कानून व्यवस्था की रक्षा करना दोनों ही प्रशासन और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
रिपोर्ट: The Mountain Stories
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