यूपीसीएल ने बिजली दरें 16% बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, 2000 करोड़ के गैप की भरपाई की मांग | तबादला नीति भी लागू
देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली दरों में करीब 16% बढ़ोतरी का प्रस्ताव बुधवार को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश किया है। अब आयोग प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद इस पर अंतिम निर्णय लेगा। यदि प्रस्ताव मंज़ूर होता है तो राज्य में बिजली महंगी हो सकती है।
2000 करोड़ रुपये के गैप की भरपाई की मांग
यूपीसीएल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक हुए खर्चों, ट्रू-अप और अन्य देनदारियों के मद में करीब 2000 करोड़ रुपये की कमी (गैप) बनी हुई है। इसी आधार पर लगभग ढाई प्रतिशत अतिरिक्त वृद्धि की मांग भी शामिल की गई है।
ट्रू-अप के तहत निगम ने कुल 1343 करोड़ रुपये की मांग रखी है, जिसमें 976 करोड़ रुपये कार्यों के पूंजीकरण से जुड़े हैं। अब आयोग तीनों ऊर्जा निगमों की याचिकाओं पर जनसुनवाई करेगा और इसके बाद टैरिफ पर अंतिम निर्णय देगा। नई टैरिफ दरें 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगी।
यूपीसीएल में तबादला नीति लागू
UPCL ने राज्य में नई तबादला नीति लागू कर दी है। इसके तहत प्रदेश के क्षेत्रों को सुगम और दुर्गम श्रेणियों में बांटा गया है।
सुगम क्षेत्र
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देहरादून (चकराता छोड़कर)
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हरिद्वार
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ऊधमसिंह नगर
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नैनीताल, भीमताल, कालाढूंगी
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हल्द्वानी ब्लॉक, रामनगर ब्लॉक
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पौड़ी का नगर निगम कोटद्वार, नगर पालिका दुगड्डा
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चंपावत की नगर पालिका टनकपुर, बनबसा
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टिहरी नगर पालिका, मुनिकीरेती, नरेंद्रनगर
दुर्गम क्षेत्र
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उत्तरकाशी
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चमोली
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पिथौरागढ़
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बागेश्वर
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रुद्रप्रयाग
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अल्मोड़ा
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चंपावत का शेष हिस्सा
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चकराता
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टिहरी, पौड़ी, नैनीताल का कुछ हिस्सा
तबादला नीति के अनुसार, दुर्गम क्षेत्रों में तैनात बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों को न्यूनतम तीन तैनाती (लगभग आठ वर्ष) की सेवा देनी होगी।
