उत्तराखंड के पौड़ी जिले में रविवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। पौड़ी-सत्यखाल मोटर मार्ग पर सवारियों से भरी एक मिनी बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 अन्य घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद श्रीनगर के बेस अस्पताल रेफर किया गया है।
कैसे हुआ हादसा?—
रविवार की दोपहर पौड़ी से देहलचौरी जा रही बस क्यार्क और चूलधार के पास अनियंत्रित होकर करीब 80 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। बस के गिरने के बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग दिया।
पौड़ी पुलिस के मुताबिक, हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में सुनीता (25), प्रमिला और उनके पुत्र प्रियांशु, नागेंद्र और उनकी पत्नी सुलोचना शामिल हैं। सभी मृतक पौड़ी गढ़वाल जिले के निवासी बताए गए हैं। शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।
घायलों का इलाज जारी—
हादसे में घायल 22 यात्रियों को श्रीनगर बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। एक घायल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम—
हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, विधायक राजकुमार पोरी, और सीडीओ गिरीश गुणवंत अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। डीएम ने घटना की जांच के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
सीएम धामी ने जताया दुख—
पौड़ी में केंद्रीय विद्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से चार यात्रियों के निधन का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगतों की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 12, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। बाबा केदार से प्रार्थना करता हूं कि घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले।” उन्होंने प्रशासन को घायलों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
बस का फिटनेस और जांच की तैयारी—
आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस 2012 मॉडल की थी और इसके सभी दस्तावेज सही पाए गए हैं। बस का बीमा भी वैध था। हालांकि, हादसे के कारणों की जांच के लिए परिवहन विभाग ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
स्थानीय लोगों की अहम भूमिका—
ग्रामीणों ने घटना के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू कर दिया और घायलों को खाई से निकालकर अस्पताल पहुंचाने में मदद की। बस खाई में कई बार पलटने के बाद चीड़ के पेड़ से टकराकर रुकी, जिससे अधिक नुकसान से बचा जा सका।
पिछले हादसों की याद ताजा—
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़कों की हालत और वाहनों की सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है। यह हादसा राज्य में सड़क सुरक्षा और परिवहन प्रबंधन की स्थिति पर एक बार फिर गंभीर चर्चा का कारण बन सकता है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन सतर्क—
घटना के बाद प्रशासन ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों की स्थिति और वाहनों की सुरक्षा की जांच तेज करने का आश्वासन दिया है।