उत्तराखंड पंचायत चुनाव: दूसरे चरण में रिकॉर्ड 70% मतदान, ऊधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा वोटिंग
देहरादून, 29 जुलाई
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सोमवार को भारी उत्साह के साथ मतदान संपन्न हुआ। निर्वाचन आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में राज्यभर में कुल 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पहले चरण के 68 प्रतिशत मतदान से दो प्रतिशत अधिक है। खास बात यह रही कि ऊधमसिंह नगर जिले में रिकॉर्ड 84.26 प्रतिशत मतदान हुआ, जो इस चरण में सबसे अधिक रहा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि सभी 40 विकासखंडों के 4709 मतदान केंद्रों पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक शांतिपूर्ण मतदान हुआ। इस चरण में कुल 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 65.50% पुरुष और 74.50% महिलाएं मतदान के लिए घरों से बाहर निकलीं।
पर्वतीय जिलों में भी उत्साह, बारिश भी नहीं रोक पाई मतदाताओं को
हालांकि कई पर्वतीय जिलों में सुबह से बारिश का दौर जारी रहा, बावजूद इसके मतदाताओं का जोश बरकरार रहा। कई क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें देखी गईं।
समय के अनुसार मतदान प्रतिशत:
समय | मतदान प्रतिशत |
---|---|
सुबह 10 बजे तक | 12.42% |
दोपहर 12 बजे तक | 24.00% |
दोपहर 2 बजे तक | 41.95% |
शाम 4 बजे तक | 58.12% |
अंतिम (5 बजे तक) | 70.00% |
जिला वार मतदान प्रतिशत (देर शाम तक):
जिला | मतदान प्रतिशत |
---|---|
ऊधमसिंह नगर | 84.26% |
देहरादून | 77.25% |
नैनीताल | 76.07% |
उत्तरकाशी | 75.96% |
चंपावत | 70.21% |
पौड़ी गढ़वाल | 69.27% |
चमोली | 66.47% |
पिथौरागढ़ | 64.90% |
टिहरी | 60.05% |
अल्मोड़ा | 58.20% |
कुल 14,751 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटी में बंद
दूसरे चरण में ग्राम पंचायत सदस्य के 933 पदों के लिए 1998 प्रत्याशी, ग्राम प्रधान के 2726 पदों के लिए 7833, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 1225 पदों के लिए 4214, और जिला पंचायत सदस्य के 14 पदों के लिए 716 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चरण में कुल 14,751 प्रत्याशियों का भविष्य मतपेटियों में कैद हो गया है।
इससे पहले, पहले चरण में 17,829 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, और उस चरण में भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ था। अब दोनों चरणों की मतगणना 31 जुलाई सुबह 8 बजे से शुरू होगी।
2019 के मुकाबले इस बार मतदान में गिरावट का अनुमान
पंचायत चुनाव के पिछले यानी 2019 में कुल 69.59% मतदान हुआ था। हालांकि इस बार अब तक औसत कुछ बढ़ता दिखा है, पर विशेषज्ञों का मानना है कि कुल मिलाकर मतदान प्रतिशत थोड़ा नीचे जा सकता है। अंतिम चरण के बाद ही कुल औसत स्पष्ट हो पाएगा।