देहरादून/ उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। संशोधित अधिसूचना जारी होने के बाद एक बार फिर से चुनावी प्रक्रिया ने गति पकड़ी है। नामांकन पत्रों की बिक्री का आंकड़ा 1 जुलाई 2025 तक 22,321 तक पहुंच गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र के इस पर्व को लेकर उत्साह का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
चुनाव पर लगी अस्थायी रोक हटने के बाद 30 जून से नामांकन पत्रों की बिक्री दोबारा शुरू हुई। अकेले 30 जून को 5,746 नामांकन पत्र बिके, जबकि 1 जुलाई को यह संख्या 15,468 तक पहुंच गई। इस प्रकार, अब तक कुल 22,321 नामांकन पत्रों की बिक्री हो चुकी है।
चुनावी कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:
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नामांकन दाखिल करने की अवधि:
2 जुलाई से 5 जुलाई तक, सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक -
नामांकन पत्रों की जांच:
7 जुलाई से 9 जुलाई तक -
नाम वापसी की तिथि:
10 और 11 जुलाई, सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक -
चुनाव दो चरणों में होंगे:
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पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह आवंटन: 14 जुलाई
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पहले चरण का मतदान: 24 जुलाई
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दूसरे चरण के लिए चुनाव चिन्ह आवंटन: 18 जुलाई
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दूसरे चरण का मतदान: 28 जुलाई
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मतगणना:
दोनों चरणों की मतगणना एक साथ 31 जुलाई को की जाएगी
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं।
मतदान और मतगणना के दिन छुट्टी की संभावना
राज्य सरकार की ओर से मतदान और मतगणना के दिन संबंधित क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा किए जाने की संभावना है, जिससे अधिक से अधिक लोग मतदान में भाग ले सकें।
उत्तराखंड के गांवों में लोकतंत्र का यह उत्सव एक बार फिर से ग्रामीण नेतृत्व को उभारने का मंच प्रदान करेगा। अब निगाहें इस बात पर हैं कि किन-किन चेहरों पर जनता का भरोसा जताया जाएगा और पंचायतों में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा क्या होगी।