ओम जोशी देहरादून
20 अक्टूबर 1991 की मध्यरात्रि को आये भूकंप जिसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.6 आंकी गयी थी या 2003 में वरुणापर्वत का दरकना, उत्तरकाशी शहर पर वरुणावत पर्वत ने सबसे पहले 2003 में कहर बरपाना शुरू किया था और अब न जाने कब फिर से दरकना शुरू कर दे। तब सरकार ने इस पर्वत का ट्रीटमेंट किया था। और अब बरसात के मौसम में आयी ये आपदा, उत्तरकाशी यूँ ही हमेशा जख्मी होता रहा है। यहाँ बाढ़ और बादल फटने जैसी समस्याएं आम बात हैशिव की नगरी कहे जाने वाला उत्तरकाशी उत्तराखंड का एक पवित्र शहर है.जैसे जैसे हम इस शहर के प्राचीन काल में जाते हैं ये महाभारत के समय तक जाता है। उत्तरकाशी का पुरातन नाम बाराहाट था, उत्तरकाशी क्षेत्र भागीरथी नदी के तट पर समुद्र तल से 1158 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ऋषिकेश से लगभग 150 किमी दूर है। यह स्थान पुराने समय से ढलान जनजातियों के पास था। विशेष रूप से किरात, उत्तरा कौरस, खासा, तांगना, कुनिंद और प्रतांगनाओं की ढलान जनजातियाँ महाभारत के उपनयन पर्व में उल्लेख करती हैं।