फ़िल्म समीक्षा :- Citizen Kane, आधुनिक सिनेमा में सिनेमैटिक मास्टरपीस

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(Create your own visual style…let it be unique for yourself and yet identifiable for others) ये कहना था फ़िल्म निर्माता “ऑरसन वेल्स” का, जिन्होंने ऐसा कहा ही नहीं बल्कि कर के भी दिखाया। 83 साल पहले 1941 मे मर्करी थिएटर्स के बैनर तले आयी “ऑरसन वेल्स” की वन ऑफ द बेस्ट & फाइनेस्ट ड्रामा मिस्ट्री फ़िल्म “सिटीजन केन” आज के समय आधुनिक सिनेमा में सिनेमैटिक मास्टरपीस है जो इसे-फिल्म मेकिंग के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रभावशाली माइलस्टोन में से एक बनाता है।

इस फिल्म ने लगातार 50 सालों तक ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट के “साइट एंड साउंड मैगज़ीन” में नंबर 1 फ़िल्म ऑफ़ आल टाइम पर कब्जा जमाये रखा। 1941 मे इस फिल्म से 25 वर्षीय ऑर्सन वेल्स ने अपने शानदार करियर की शुरुआत की और दिखा दिया कि कि आने वाले समय में वे क्या कमाल करने वाले हैं। इस फ़िल्म में वो सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए। क्यों “सिटीजन केन” अभी भी one of the greatest films of all times में शुमार है?
उस समय अपनी पहली “सिटीजन केन” जैसी डिफ़िकल्ट फिल्म को पर्दे पर उतरना 25 वर्षीय ऑर्सन वेल्स के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। ये एक ऐसी फिल्म थी जिसका नैरेटिव स्टाइल बाक़ी दुनिया से बिलकुल अलग था और इसकी फ़िल्मिंग टेक्नीक्स उस समय के लिये प्रचंड रूप से चैलेंजिंग थी। आज भी किसी को अगर सिनेमेटोग्राफ़ी और फिल्म सेट्स लाइटिंग के बारे में देखना समझना है तो फ़िल्म इंस्टीट्यूट्स में इस फ़िल्म को सबसे पहले रेकमेंडेड किया जाता है। और तो और इस फ़िल्म को ऑर्सन वेल्स ने एक फ़िल्म की तरह शूट ही नहीं किया ही नहीं, उनका कहना था कि “जस्ट टेल द स्टोरी यू हैव” और उन्होंने वही किया। चलिए सीधे कहानी पर आते है।
फिल्म बड़ी सीधी है। फ्लोरिडा में एक विशाल महलनुमा संपत्ति के हिस्से “ज़ानाडू” नामक हवेली में, बुजुर्ग चार्ल्स फोस्टर केन अपनी मृत्यु शैया पर हैं। हाथों में एक स्नो ग्लोब मिनिएचर हैं, मरने से पहले वह अपना आखिरी शब्द “रोज़बड” बोलते हैं और मर जाते हैं। न्यूज़रील केन की लाइफ पर वीडियो बनाता है, जिसमें केन को बहुत अमीर समाचार पत्र का मालिक और इंडस्ट्रियल टाइकून दिखाया जाता है। कल्पना से भी परे अथाह संपत्ति के मालिक, केन के प्रेशियस मॉन्यूमेंट्स से लबरेज़ उनका महल और केन की मौत दुनिया भर में सनसनीखेज खबर बन जाती है। पॉपुलैरिटी की चाहत में न्यूज़रील निर्माता अपने रिपोर्टर जेरी थॉम्पसन को केन का मरने से पहले कहा शब्द “रोज़बड” का अर्थ खोजने भेजते हैं। इसी इन्वेस्टीगेशन के साथ फिल्म फ़्लैशबैक में जाकर “चार्ल्स फोस्टर केन” की ज़िंदगी के गरीबी भरे बचपन से लेकर गवर्नर के चुनाव तक की आलीशान यात्रा” दर्शाती है। अंत तक फिल्म इसी जद्दोजहद में लगी रहती है कि किसी तरह से “रोज़बड” शब्द का मतलब पता चल जाये। और कहानी ख़त्म।
इतनी से कहानी में कोई क्या दिमाग लगा लेगा? पर ऑर्सन वेल्स ने यहाँ दिमाग लगाने वाला काम ही नहीं किया। उन्होंने इस कहानी के जरिए ऑडियंस को वो व्यू फाइंडर दे दिया जो दुनिया में जीवन को आर पार देख सकता है। “सिटीजन केन” लाइफ की फ़िलॉसफ़ी को ज़ूम इन और ज़ूम आउट करके आपको दिखाती है। उस समय की अपनी अनूठी स्टोरीटेलिंग और इनोवेटिव लाइटिंग स्टाइल से परिपूर्ण इस फ़िल्म का हर एक फ़्रेम-शॉट-मैग्निफिकेशन आपको रोज़बड की छवि से लेकर मिरर्स और रिफ्लेक्शन के मल्टीपल यूसेज, एक तरीके के अर्थ से भरा हर फ़्रेम, दर्शकों को कहानी से परतों को हटाने और सतह के नीचे छिपी गहरी सच्चाइयों को उजागर करने के लिए चैलेंज करता है। सत्ता, धन या सफलता पाने की खुशी, मायावी होने के विषयों की खोज, अभिमान के कारण सत्य से दूर भागने की अक्षमता। “सिटीजन केन” एक साधारण फिल्म की अपनी स्थिति से आगे बढ़कर हर प्रकार की मानवीय मनोवृथाओं पर एक गहन चिंतन का विषय बन जाती है। इसलिए यह फिल्म रिलेवेंट सब्जेक्टिव डेप्थ का एक समृद्ध ताना-बाना है जो इसे अब तक की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के रूप में प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
ऑर्सन वेल्स ने इस फ़िल्म को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैनक्यूविक्ज़ (मैंक) और वेल्स लिखित इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट, जिसे बेस्ट ओरिजनल स्क्रीनप्ले के अवार्ड से भी नवाज़ गया था, से लेकर ग्रेग टॉलैंड की मैग्निफ़िस्‌न्ट्‌ सिनेमेटोग्राफ़ी जिसने उस समय फ़िल्मी दुनिया में भूचाल लाकर रख दिया था। आज तक फ़िल्म-मेकर्स बर्नार्ड हरमैन के म्यूजिक को सराहते नहीं थकते हैं। कुछ कुछ जगह पर मेकअप के फ़्लॉज़ दिखते हैं पर उसको नजरअंदाज करने में कोई हर्ज नहीं है।
कुल मिलाकर आज भी सिटीजन केन मास्टरपीस के रूप मे अपना वर्चस्व बनाये रखे हुए है, और सिनेमा समझने और समझाने वालों के लिए एक आइडियल फ़िल्म की लिस्ट में टॉप 5 पर है है। केन के किरदार से जीवन और दर्शन को प्रतीकात्मक रूप से धूमिल होते, और इंसानी नैतिकता के पतन को विटनस करती सिटीजन केन आपको एक नये तरह से सोचने पर मजबूर कर सकती है।
(स्पेशल रेकमेंडेशन :- आप चाहे तो जॉर्ज ऑरवेल की कालजयी रचना “एनिमल फार्म” नामक एक किताब भी पढ़ सकते हैं)
नेटफ़्लिक्स पर मैंक नामक फ़िल्म को भी देखा जा सकता है जिसमें मैनक्यूविक्ज़ (मैंक) और ऑर्सन वेल्स के बीच के संबंधों को भी दिखाया गया है।
फ़िल्म ट्रेलर – https://www.youtube.com/watch?v=8dxh3lwdOFw ये भी वेल्स ने बड़े ही मजेदार तरीके से डिजाइन किया था।
Note- (लेखक पंद्रह साल से फ़िल्म विधा से जुड़े हुए हैं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मों का लगातार बारीकी से अध्यन कर रहें हैं। फ़िल्म निर्माण संबंधित सभी विषयों पर लेखक अपने अभी तक  के फ़िल्म निर्माण के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए सिनेमाजगत पर लिखते रहते है। लेखक की सिनेमा संबंधित विषयों और सिनेमाई इतिहास पर भी प्रासंगिक पकड़ है) किसी भी प्रकार की सिनेमा संबंधित जानकारी के लिए आप tarunkash@gmail.com पर लेखक से संपर्क कर सकते हैं)

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