नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को हरी झंडी दी गई। आयोग की सिफारिशें 2026 से लागू होने की संभावना है, जिससे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
सैलरी में दोगुना इजाफा संभव—
वर्तमान में लेवल 1 के तहत कर्मचारियों को 18,000 रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी मिलती है। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इस सैलरी स्ट्रक्चर के पूरी तरह रिवाइज होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नई सिफारिशों के तहत न्यूनतम बेसिक सैलरी लगभग दोगुनी हो सकती है।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा लाभ—
आयोग की सिफारिशों से न केवल सैलरी में वृद्धि होगी, बल्कि पेंशनभोगियों की पेंशन में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में भी संशोधन होगा, जिससे पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
कब से होगा प्रभावी?—
परंपरा के अनुसार, केंद्रीय वेतन आयोग हर 10 साल में गठित होता है। सातवें वेतन आयोग ने अपनी सिफारिशें 2016 में लागू की थीं। आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2026 तक आने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, आयोग के गठन से रिपोर्ट तैयार करने में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा।
वेतन आयोग का उद्देश्य—
वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए उचित वेतन और लाभ मिलें। सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन और भत्तों में बड़े बदलाव किए गए थे, जिससे सक्रिय और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ हुआ।
सरकार की पहल से आर्थिक गतिविधियों में तेजी—
सरकार के इस फैसले से न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इससे देश की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
सरकार ने आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पर विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह कदम निश्चित रूप से एक बड़ी राहत लेकर आएगा।
(सूत्र: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान)