पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का बड़ा कदम: पाकिस्तान के खिलाफ 5 सख्त फैसले, Indus Water Treaty सस्पेंड

Our News, Your Views

नई दिल्ली/ पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने जहां पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, वहीं अब भारत सरकार ने आतंक के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ पाँच बड़े और सख्त फैसले लिए हैं। इसमें सबसे अहम फैसला Indus Water Treaty को अस्थायी रूप से सस्पेंड करने का है — जो कि दोनों देशों के बीच 1960 से लागू एक ऐतिहासिक संधि रही है।

भारत के पाँच बड़े फैसले जो पाकिस्तान को झकझोर गए:

  1. Indus Water Treaty Suspension:
    1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह जल संधि पहली बार अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है।

  2. Diplomatic Staff Reduction:
    भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के राजनयिक मिशनों में 1 मई तक स्टाफ घटाकर 55 से 30 किया जाएगा।

  3. Attari Checkpost Closure:
    अमृतसर के अटारी बॉर्डर को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है।

  4. SAARC Visa Exemption Scheme Revoke:
    SAARC वीजा के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है।

  5. Defense Advisors Expelled:
    पाकिस्तान के हाई कमीशन में मौजूद सेना, वायुसेना और नौसेना के रक्षा सलाहकारों को Persona Non Grata घोषित कर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

विदेश मंत्रालय की स्पष्ट चेतावनी

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा,

“भारत अब आतंकवाद को लेकर Zero Tolerance Policy पर है। यह कार्रवाई आतंक के खिलाफ हमारा स्पष्ट संदेश है।”

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: “India का कदम Overreaction है”

Pakistan के Deputy PM और Foreign Minister इशाक डार ने भारत के फैसलों को “Overreaction” करार दिया है। उन्होंने पाकिस्तानी चैनल और The Express Tribune को दिए बयान में कहा,

“भारत ने कोई पुख्ता सबूत नहीं दिया है और केवल भावनाओं में बहकर पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहा है।”

डार ने बताया कि पाकिस्तान की National Security Committee (NSC) की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है, और भारत के फैसलों पर आधिकारिक प्रतिक्रिया जल्द सामने लाई जाएगी।

क्या Indus Water Treaty का अंत निकट है?

विशेषज्ञों के अनुसार, Indus Water Treaty का सस्पेंशन एक symbolic yet strategic कदम है। अगर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, तो यह संधि स्थायी रूप से समाप्त की जा सकती है — जिससे पाकिस्तान की जल सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

भारत के इन कदमों से स्पष्ट है कि अब देश “सिर्फ़ कड़े बयान नहीं, कड़े एक्शन” की नीति पर है। पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद भारत की यह कूटनीतिक सख्ती न केवल पाकिस्तान को चेतावनी है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक मजबूत संदेश भी।


Our News, Your Views