अल्मोड़ा, 29 अप्रैल/ देशभर में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन स्कैम की कड़ी में एक और चौंकाने वाला मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से सामने आया है। लमगड़ा क्षेत्र के एक बुजुर्ग को ठगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के जरिए डराया और “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर ₹7.2 लाख की ठगी कर ली।
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश के खरगोन जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कैसे रचा गया ऑनलाइन ठगी का जाल
13 जनवरी 2025 को लमगड़ा निवासी जीवन सिंह मेहता को एक वीडियो कॉल प्राप्त हुआ। कॉल करने वाले ने खुद को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) का अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है।
इसके बाद ठगों ने उन्हें बताया कि उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” किया जा रहा है और अब वे सीधे CBI की निगरानी में हैं। इसके बाद शुरू हुआ डर और दबाव का मनोवैज्ञानिक खेल।
वीडियो कॉल के जरिए 5 दिन तक “हिरासत” में रखा
ठगों ने जीवन सिंह को धमकाया कि यदि उन्होंने किसी से बात की या दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया तो उनकी गिरफ्तारी या एनकाउंटर भी हो सकता है। इसी डर के साए में उन्हें लगातार पांच दिन तक वीडियो कॉल पर “कस्टडी” में रखा गया।
इस दौरान उनसे तीन अलग-अलग खातों में ₹7,20,000 ट्रांसफर करवा लिए गए। जब बुजुर्ग के पास पैसे नहीं बचे, तो उन्हें “जांच के बाद पैसे लौटाने” का झांसा दिया गया।
ठगी का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई
लंबे समय तक कॉल बंद रहने के बाद, जीवन सिंह ने 21 फरवरी 2025 को लमगड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराई। SSP देवेंद्र पिंचा के नेतृत्व में लमगड़ा पुलिस, SOG (Special Operation Group) और Cyber Cell की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल निगरानी के आधार पर 21 अप्रैल को मध्यप्रदेश के खरगोन से दो आरोपियों – संतोष गुर्जर और कपिल सोनी को गिरफ्तार कर लिया।
देशव्यापी साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा
पुलिस के अनुसार ये आरोपी एक संगठित साइबर अपराध गिरोह से जुड़े हैं, जो विशेष रूप से बुजुर्ग नागरिकों को डराकर उनसे ठगी करते हैं। पूछताछ में गिरोह के और भी सदस्यों की जानकारी सामने आ रही है, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी है।
जांच टीम में कौन-कौन शामिल रहे
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राहुल राठी – थानाध्यक्ष, लमगड़ा
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भुवन जोशी – प्रभारी, SOG
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कुमकुम धनिक – प्रभारी, साइबर सेल
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SI दिनेश परिहार – चौकी प्रभारी, जैंती
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कॉन्स्टेबल परवेज़ अली
SSP देवेंद्र पिंचा ने इस त्वरित कार्रवाई के लिए टीम को ₹10,000 का नकद इनाम दिया।
साइबर पुलिस की सलाह: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
पुलिस का कहना है:
“कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती और न ही बैंक अकाउंट डिटेल्स मांगती है। ऐसे किसी कॉल या मैसेज से सावधान रहें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।”
डिजिटल सुरक्षा की जिम्मेदारी हर नागरिक की
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जहां डिजिटल युग ने सुविधाएं दी हैं, वहीं उससे जुड़े खतरों ने भी आम लोगों की ज़िंदगी को असुरक्षित बना दिया है।
हर नागरिक को साइबर अवेयरनेस, स्कैम अलर्टनेस और ऑनलाइन सेफ्टी टिप्स के प्रति जागरूक रहना जरूरी है।