देहरादून/नैनीताल, 29 अप्रैल/ उत्तराखंड पुलिस अब किरायेदारों, घरेलू नौकरों और बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन को लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में है। देहरादून और नैनीताल ज़िलों में बड़े पैमाने पर पुलिस अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके और नागरिकों को सुरक्षित माहौल दिया जा सके।
देहरादून में व्यापक सत्यापन अभियान, दर्जनों मकान मालिकों पर कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर देहरादून के लक्खीबाग, मुस्लिम कॉलोनी और रीठा मंडी जैसे संवेदनशील इलाकों में किरायेदारों और बाहरी लोगों का सत्यापन अभियान चलाया गया।
अभियान के दौरान:
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38 मकान मालिकों पर पुलिस अधिनियम के तहत चालान
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कुल जुर्माना: ₹3,80,000
पुलिस ने स्पष्ट किया कि बिना सत्यापन के मकान किराए पर देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इससे अपराधियों को छुपने का अवसर मिलता है।
नैनीताल में “ऑपरेशन सेनेटाइज” — एसएसपी मीणा की अगुवाई में सख्त कार्रवाई
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के नेतृत्व में नैनीताल ज़िले में “ऑपरेशन सेनेटाइज” नामक विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें संदिग्ध गतिविधियों और लोगों की पहचान पर विशेष ध्यान दिया गया।
अभियान के आंकड़े:
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1342 घरों, दुकानों और सार्वजनिक स्थानों की जांच
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352 लोगों का सत्यापन
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31 मकान मालिकों/ठेकेदारों पर कार्रवाई
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कुल जुर्माना वसूली: ₹3,92,550
एसएसपी मीणा ने क्या कहा?
“यह सिर्फ फाइन वसूलने का मामला नहीं है, बल्कि यह लोगों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन देने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।”
किरायेदार सत्यापन क्यों है ज़रूरी?
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अपराधियों की पहचान आसान होती है
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संदिग्ध गतिविधियों पर समय रहते नियंत्रण
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समाज में सुरक्षा और जागरूकता की भावना मज़बूत होती है
पुलिस की सख्त चेतावनी
उत्तराखंड पुलिस ने साफ किया है कि यदि किसी मकान मालिक ने किरायेदार या बाहरी व्यक्ति का पुलिस सत्यापन नहीं कराया तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना और अन्य दंड शामिल हो सकते हैं।