देहरादून, 29 अप्रैल 2025/ चारधाम यात्रा से पहले उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम पहल की है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। यह फैसला विशेष रूप से चारधाम मार्ग से जुड़े जिलों और सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लिया गया है।
तैनाती के आदेश जारी, विशेषज्ञता के अनुसार जिलों में नियुक्ति
स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश संख्या 293157/2025 के तहत इन विशेषज्ञ डॉक्टरों को उनके विषयों के अनुसार जिला चिकित्सालयों, उप-जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त किया गया है।
विशेषज्ञता के अनुसार तैनाती विवरण:
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एनेस्थीसिया (Anaesthesiology) – 12 डॉक्टर
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सर्जरी (General Surgery) – 5 डॉक्टर
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बाल रोग (Pediatrics) – 4 डॉक्टर
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स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae) – 4 डॉक्टर
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कान-नाक-गला (ENT) – 5 डॉक्टर
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नेत्र रोग (Ophthalmology) – 2 डॉक्टर
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फॉरेंसिक मेडिसिन – 1 डॉक्टर
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जनरल मेडिसिन व अन्य – 10 डॉक्टर
मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में उठाया गया कदम
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह नियुक्ति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई है। सरकार की प्राथमिकता है कि “सीमांत गांवों तक भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें।”
उन्होंने बताया कि सभी डॉक्टर हाल ही में पीजी की पढ़ाई पूरी कर विशेषज्ञ चिकित्सक बने हैं और अब उनकी सेवाएं सीधे राज्य के ज़रूरतमंद इलाकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इन ज़िलों को मिली विशेषज्ञ डॉक्टरों की सौगात
तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है जहाँ स्वास्थ्य संसाधनों की कमी और चारधाम यात्रा के दबाव को देखते हुए तत्काल विशेषज्ञ सेवाओं की आवश्यकता थी। इनमें शामिल हैं:
पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार।
यात्रियों और स्थानीय जनता दोनों को मिलेगा लाभ
चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से न सिर्फ आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में मजबूती आएगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
राज्य के कई पहाड़ी अस्पतालों में अब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी थी, जिसके चलते मरीजों को इलाज के लिए मैदानी जिलों या बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। सरकार के इस निर्णय से अब जनरल सर्जरी से लेकर स्त्री रोग और बाल रोग जैसे विभागों में भी इलाज सुलभ होगा।
हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन और इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी तैयारियां
डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अलग से विशेष इंतजाम किए गए हैं। संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती इसी योजना का हिस्सा है।
तुरंत कार्यभार ग्रहण के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने सभी नियुक्त डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्रता से अपने तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित समयसीमा में कार्यभार न संभालने पर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के अस्पतालों को मिली राहत
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह कदम राज्य के अस्पतालों के लिए एक बड़ी राहत है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की यह तैनाती उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।