हॉर्टीकल्चर को बढ़ावा देने के साथ ही प्राकृतिक खेती पर अधिक ध्यान देना होगा – सीएम, कृषकों को किया सम्मानित

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित वाडिया भू विज्ञान संस्थान में इंडो डच हार्टिकल्चर एवं कोका कोला इंडिया द्वारा आयोजित “संकल्प से परिवर्तन की ओर” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सेब उत्पादन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले कृषकों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।

आपको बता दें प्रदेश में नाबार्ड के सहयोग से 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना के लिए ₹280 करोड़ की स्वीकृति दी गई है, साथ ही सेब उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए एप्पल मिशन के तहत ₹35 करोड़ की योजना को भी प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों सेब, कीवी, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि और उद्यान को बढ़ावा देने के साथ ही हमें प्राकृतिक खेती पर अधिक ध्यान देना होगा। हम सेब की प्राकृतिक खेती द्वारा उत्तराखंड के सेब को देश दुनिया में विशिष्ट पहचान दिला सकें, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में एप्पल मिशन के साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। जम्मू कश्मीर और हिमाचल के साथ–साथ उत्तराखंड की भी सेब उत्पादन में विशेष पहचान बने, इसके लिए गुणवत्ता व पैकिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है और हमारी सरकार कृषि और उद्यान को बढ़ावा देते हुए किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में उद्योगों के साथ ही बागवानी के विकास के लिए भी अनुकूल नीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोका कोला इंडिया तथा इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के सहयोग से प्रदेश में चल रही “उन्नति एप्पल योजना“ के बड़े लाभकारी परिणाम सामने आये हैं। उनके द्वारा एक हज़ार बगीचों का कार्य पूरा किया गया है तथा लगभग चालीस हजार लोगों को इसके अंतर्गत ट्रैनिग प्रदान की गयी है। इससे राज्य में किसानों की आय में तेजी से वृद्धि हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में किसी लक्ष्य को पाने के लिए संकल्प के साथ आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। कोका कोला इंडिया तथा इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी ने जिस कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया था, उसे सिद्धि तक पहुंचा रहे हैं। कार्यक्रम में आए कृषि और बागवानी विशेषज्ञों से मुख्यमंत्री ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल बागवानी विकास के लिए शोध की उम्मीद जताई।


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