14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। ऊर्जा निगम कर्मचारी संगठनों की कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ हुई वार्ता सफल रही है। कर्मचारियों के रूख को देखते हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर कर्मचारी संगठनों से वार्ता की। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों से मुख्य मांगों का समाधान करने के लिए 1 माह का समय मांगा है, जिस पर कर्मचारी संगठनों ने सहमति जताई है। मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को आश्वसत किया की एक माह के अंदर उनकी मुख्य मांगों को मान लिया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रबन्ध निदेशक के स्तर पर, ऊर्जा सचिव के स्तर पर, ऊर्जा मंत्री के स्तर पर जो मांगे पूरी होने लायक होंगी उन्हें 15 दिन के अंदर पूरा कर दिया जाएगा। जिंन मांगोे के लिए वित्त का परामर्श चाहिए और कैबिनेट में जाना है उन मांगों के लिए हमने एक माह का समय मांगा है। हम समय रहते सभी मांगों का समाधान निकाल लेंगे।
एक तरफ कर्मचारी संगठनों व ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के बीच वार्चा सफल रही है, जिसके बाद ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की है। लेकिन दूसरी तरफ शासन ने ऊर्जा विभाग की हड़ताल पर 6 माह तक रोक लगा दी है, इसके विधिवत आदेश सचिव सौजन्य के द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
अब उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30 सन् 1966) की धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल महोदय इस आदेश के निर्गत होने के दिनांक से छः मास की अवधि के लिए यूजेवीएन लिमिटेड, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० एवं पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० में समस्त श्रेणी की सेवाओं में तत्कालिक प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध करते हैं। उक्त अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (2) के अधीन यह भी आदेश देते हैं कि यह आदेश गजट में प्रकाशित किया जायेगा।