— द माउंटेन स्टोरीज़ डेस्क
नई दिल्ली/शनिवार — भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत शनिवार को एक बार फिर विस्तृत मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में एकसाथ चलाया गया। इसका उद्देश्य हवाई हमलों, ड्रोन अटैक्स और मिसाइल स्ट्राइक जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र की वास्तविक परीक्षा लेना है।
शाम 5 बजे सायरन, ब्लैकआउट की भी तैयारी
ड्रिल के तहत शाम 5 बजे सभी ज़िलों में एयर रेड अलर्ट का सायरन बजाया गया। इसके तुरंत बाद आपातकालीन रेस्पॉन्स टीमें, फायर सर्विस, होम गार्ड्स और स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गए। देर शाम ब्लैकआउट का अभ्यास भी किया गया, ताकि रात में दुश्मन से बचाव के उपायों को परखा जा सके।
नागरिक सुरक्षा और वायुसेना का समन्वय
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना और सिविल डिफेंस कंट्रोल रूम के बीच हॉटलाइन कनेक्टिविटी की व्यवस्था की गई। इसके अलावा NCC, NSS और भारत स्काउट गाइड के वालंटियर्स भी विभिन्न स्थानों पर तैनात रहे। ड्रिल के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा और संपत्ति की हिफाजत को लेकर भी विशेष ध्यान दिया गया।
पिछली मॉक ड्रिल और वर्तमान संदर्भ
गौरतलब है कि इससे पहले 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल कराई गई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित हुई थी। वहीं 10 मई को हुए सीजफायर के बाद यह पहली मॉक ड्रिल है, जो इसे और अधिक संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।
प्रशासन का बयान
सिविल डिफेंस और अग्निशमन महानिदेशालय ने सभी ज़िलों को निर्देश दिया था कि वे स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अभ्यास की योजना बनाएं।
“यह अभ्यास हमारी आपातकालीन तैयारी की वास्तविक परीक्षा है, जिससे भविष्य में हवाई हमलों या आतंकी वारदातों से बेहतर निपटा जा सकेगा।”
— सीनियर सिविल डिफेंस अधिकारी
भारत सरकार का यह कदम देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और उन्हें मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इस तरह की और मॉक ड्रिल्स की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।